पुरुषोत्तम मास को भगवान विष्णु ने दिया था वरदान, जानिए इस माह में क्या है खास क्या करें और क्या न करें ।

उत्तर प्रदेश (दैनिक कर्मभूमि) अंबेडकर नगर। उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र शुक्ल योग में 18 सितंबर, 2020 से पुरुषोत्तम मास प्रारंभ हो चुका है। इसे अधिकमास भी कहते हैं। पुरुषोत्तम मास 16 अक्टूबर, 20 तक रहेगा,।
इस माह में 14 दिन शुभ योग रहेंगे। जिनमें 9 सर्वार्थसिद्धि योग, 2 दिन द्विपुष्कर योग, 1 दिन अमृतसिद्धि योग एवं 1 दिन रवि पुष्य तो एक दिन सोम पुष्य नक्षत्र रहेगा अधिकमास को अधिमास, पुरुषोत्तम मास या मलमास भी कहा जाता है।
अधिकमास की वजह से ऋतु और त्यौहारों के बीच सामन्जस्य बना रहता है हिन्दू धर्म में विद्वान बताते हैं कि त्यौहारों की व्यवस्था भी ऋतुओं के आधार पर ही बनाई गई है। श्रावण मास वर्षा ऋतु में आता है, दीपावली शीत ऋतु की शुरुआत में आती है, मकर संक्रांति शीत ऋतु के अन्तिम चरण में आती है।
ऋतुओं के संधिकाल में एक वर्ष में चार बार नवरात्रि मनाई जाती है।अधिकमास की वजह से जो उत्सव जिस ऋतु में आना चाहिए, वह उसी ऋतु में आता है।
अधिकमास में कौन-कौन से काम करने से बचना चाहिए।
इस माह में विवाह के लिए मुहूर्त नहीं होते हैं। लेकिन, विवाह की तारीख तय की जा सकती है। नवीन गृह में प्रवेश करने के मुहूर्त भी नहीं रहते हैं। लेकिन, घर की बुकिंग की जा सकती है। घर के लिए ज़रूरी सामान खरीदे जा सकते हैं। नवीन वस्त्र, आभूषण, इलेक्ट्रानिक्स जैसी ज़रूरी चीज़ें भी इस माह में खरीद सकते हैं। यही बात वाहन आदि पर भी लागू होती है। मलमास में नामकरण संस्कार और यज्ञोपवित संस्कार नहीं किए जाते हैं।
अधिक मास की शुरुआत
ये दिन काफी शुभ रहेगा। इसके साथ ही इस दौरान 26 सितंबर एवं 1, 2, 4, 6, 7, 9, 11, 17 अक्टूबर सर्वार्थसिद्धि योग होने से लोगों की मनोकामनाएं पूरी होंगी।
इसके अलावा 19 व 27 सितंबर को द्विपुष्कर योग भी है। इस योग में किए गए किसी भी कार्य का दोगुना फल मिलता है।
इस बार अधिक मास में दो दिन पुष्य नक्षत्र भी पड़ रहा है। 10 अक्टूबर को रवि पुष्य और 11 अक्टूबर को सोम पुष्य योग रहेगा। इन योगों में की गई आराधना अनंत गुना फल देने वाली रहेगी।

ज्योतिषाचार्य
सुनील चंद्र शुक्ला
6392776124

रिपोर्ट -विमलेश विश्वकर्मा अंबेडकर नगर