उत्तर प्रदेश (दैनिक कर्मभूमि )जौनपुर
जौनपुर। जिले में चिकित्सा के नाम पर हो रही लापरवाहियों को रोकने में चिकित्सा विभाग पूरी तरह ध्वस्त है । आए दिन कोरोना काल से बचाव के नियमों की धज्जियाँ उडा़ते खुद चिकित्सा कर्मचारी ही दिखाई दे रहे हैं जिसपर छपने वाली खबरों को भी आला अधिकारी इस तरह से नजरअदांज कर रहे हैं जैसे कोरोना अब गंभीर बिमारी न रह गया हो ।अक्टूबर 28 2020 को दिन में जिला सदर का एक मामला सामने आया कि चिकित्सक डाॅ डी एस यादव कोरोना ड्युटी के दौरान भी प्राईवेट मरीजों का इलाज कर रहें हैं जिसका वीडियो/फोटो तक न्यूज में चला , पूरे मामले को जिलाचिकित्साधिकारी राकेश कुमार , जिलाचिकित्साधिक्षक ए० के० शर्मा व नोडल वी० पी० द्विवेदी को बताया गया जिसपर चिकित्सा प्रशासन ने मौन रूप धारण करते हुए मामले को ऐसे ठण्डे बस्ते में डाल दिया जैसे कोई गलती हुई ही ना हो । मामले के 8 दिन बीत जाने पर जब पत्रकार ने जिलाधिकारी से इस मामले पर जवाब माँगा तो जिलाधिकारी ने सीएमओ राकेश कुमार से बात करने को कहते हुए बात टाल दी वहीं जब सीएमओ राकेश कुमार से पत्रकार ने इस बात पर जवाब माँगा तो सीएमओ ने कहा मेरे पास इन सब पर बात करने का टाईम नहीं है हमें किसी डाॅक्टर के लापरवाही से कोई लेना देना नहीं कृपया आप हमसे इन मामलों पर बात न करें।मामला स्पष्ट है कि घुले मिले अधिकारी अब खुद नहीं चाहते की भ्रष्ट और गलत अधिकारियों पर कार्यवाही हो , कोरोना जैसी गंभीर बिमारी पर एक डॉक्टर द्वारा बचाव न बर्तने पर जहाँ महामारी उल्लंघन जैसी धाराएँ लगाते हुए उसपर कार्यवाई करनी चाहिए वहीं आला अधिकारी चुप्पी साधकर ऐसे अधिकारियों के समर्थक के रूप में नजर आ रहे हैं।
उत्तर प्रदेश सम्पादक अभिषेक शुक्ला
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