कोरोना के चलते कालाजी महाराज के श्रृद्धालु नहीं पहुंच रहे

राजस्थान राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) बारां छीपाबड़ौद उपखंड एवं तहसील के ग्राम पंचायत टांचा मुख्यालय स्थित बहुत ही प्राचीन एवं तात्कालिक तौर भव्य मंदिर है श्री कालाजी महाराज का जो पशु प्रेमी पशु पालकों के साथ साथ हर श्रृद्धालुओं का एक आस्था का केंद्र भी है यहां पर प्रत्येक रविवार को तकरीबन पंद्रह हो से दो हजार श्रद्धालुओं का एक बड़ा हुजूम उमड़ता है। लेकिन वर्तमान समय में कोरोनावायरस जैसी भयंकर वैश्विक बिमारी महामारी के चलते यहां बिल्कुल भी श्रृद्धालुओं का कोई आवागमन नहीं है।टांचा छीपाबड़ौद तहसील क्षेत्र से नैशनल हाइवे 90 पर छीपाबड़ौद से बारां मैं रौड पर है। यहां की सबसे बड़ी विशेषता है कि यहां पर श्री कालाजी महाराज का एक कुआं भी था। ओर यहां पर एक बहुत ही बड़ा और विशाल बाग भी है। जिसमें सभी तरह के वृक्ष है।जो विशाल बड़े में। यहां पर जानकारी में सामने आया है कि यहां के बाग से कोई भी एक लकड़ी नहीं ले जा सकता है।ओर यहां से लकड़ी सिर्फ मुर्दे को जलाने के लिए ले जा सकते हैं।उसके साथ ही छबड़ा छीपाबड़ौद विधानसभा क्षेत्र के तहसील क्षेत्र में जोरदार बारिश आंधी और तूफान के कारण हजारों छोटे बड़े पेड़ पौधे बिजली के खंभे धराशाई हो गए लेकिन कालाजी महाराज के मंदिर में कोई किसी प्रकार का नुक़सान नहीं पहुंचा और बाग में एक भी पेड़ तो दुर की बात है।एक पेड़ की डाली तक नहीं टूटी है जबकि टांचा गांव में तैज गर्जना के साथ बिजली कड़क कर एक बड़ के पेड़ दरगद में गिर गई है। लेकिन यहां कोई किसी प्रकार का नुक़सान नहीं पहुंचा है।

रिपोर्टर कुलदीप सिंह सिरोहीया बारां छीपाबड़ौद