*महंगी हुई खेती, रासायनिक खाद के बेतहाशा बढ़े दाम*

राष्ट्रीय दैनिक कर्मभूमि अम्बेडकर नगर

अंबेडकरनगर
उर्वरक की खरीदी महंगी ही नहीं बेहद महंगी पड़ेगी।किसानों को उर्वरक निर्माता कंपनियों ने जोरदार झटका देते हुए कीमतों बेतहाशा वृद्धि कर दी है।
इफको ने खाद की तीन वेरायटी की दरों में वृद्धि हुई है इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव (इफको) ने नाट्रोजन-फास्फोरस-पोटैशियम व गंधक (एनपीके व एनपी) उर्वरकों की कीमत में 265 रुपये तक की वृद्धि कर दी है। डीजल की महंगाई की मार झेल रहे किसानों कोखाद की कीमत में बेतहाशा वृद्धि करके अन्नदाता को बड़ा झटका दिया है। हालांकि, पुराना स्टॉक पुरानी कीमत पर मिलेगा। नया स्टॉक नई कीमत पर दिया जाएगा।
इफको नाट्रोजन-फास्फोरस-पोटैशियम पोषक तत्वों के अनुपात के हिसाब से दो तरह के एनपीके तैयार करता है। 50 किलोग्राम बैग वाला एनपीके (10:26:26 अनुपात) वर्तमान में 1175 रुपये में मिल रहा है। इसकी कीमत बढ़ाकर 1440 रुपये कर दी गई है। इसी तरह एनपीके (12:32:16) वर्तमान में 1185 रुपये में मिल रहा है। इसकी कीमत बढ़ाकर 1450 रुपये कर दी गई है। इस तरह इन दोनों ही तरह के एनपीके के दाम में 265 रुपये प्रति 50 किलो के बैग पर वृद्धि की गई है। नाइट्रोजन व फास्फोरस के साथ गंधक मिले एनपी खाद के दाम में 70 रुपये प्रति 50 किलोग्राम बैग वृद्धि की गई है। वर्तमान में 50 किलोग्राम एनपी 1150 रुपये में मिल रहा है। अब इसकी कीमत 1220 रुपये प्रति बैग कर दी गई है। इसी तरह प्रति मीट्रिक टन दरों में भी बदलाव किया गया है।इफको के मार्केटिंग डायरेक्टर योगेंद्र कुमार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक नई दरें 15 अक्तूबर से लागू हो गई हैं। उन्होंने कहा है कि जिन बैग पर पुराने मूल्य दर्ज हैं, वे उन्हीं दरों पर बेचे जाएंगे। जिन बैग पर नए दर प्रिंट होंगे, वही नई दरों पर बेचे जाएंगे। यूरिया व डीएपी के कीमत में फिलहाल कोई वृद्धि नहीं की गई है।
खाद रुपये प्रति मीट्रिक टन (पुराना-नया) रुपये प्रति बैग-50 किग्रा. (पुराना-नया)
एनपीके 10:26:26 23500 /28800 1175/1440
एनपीके 12:32:16 23700/29000 1185/1450
एनपी 20:20:0:13 23000/24400 1150/1220
कीमतें बढऩे से खेती की लागत बढ़ेगी
इसके पहले डीजल की कीमतें बढ़ाने के बाद कल्टीवेशन चार्ज पहले से ही काफी महंगा हो चुका है। खेत से खलिहान तक लाने का भी चार्ज बढ़ाया जा चुका हैं। मिसाई की भी दर प्रति घंटा बढ़ाई जा चुकी है। अब उर्वरक की कीमतें बढऩे के बाद खेती की लागत निश्चित रूप से बढ़ेगी।

रिपोर्ट-अरविंद कुमार राष्ट्रीय दैनिक कर्मभूमि अम्बेडकर नगर