राष्ट्रीय दैनिक (कर्मभूमि) अंबेडकरनगर
अंबेडकरनगर : जनपद के 1500 से अधिक परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले दो लाख 28407 बच्चों के अभिभावकों के खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के तहत स्वेटर, जूता-मोजा, ड्रेस खरीदने के लिए 1100 रुपये भेजे जाने थे, लेकिन अभी तक महज 40 फीसद बच्चों को ही इसका फायदा मिल सका है। 60 फीसद अभिभावकों के खाते में धनराशि न पहुंचने से नौनिहाल ठंड में बिना स्वेटर व जूते-मोजे के स्कूल जाने को विवश हैं।
एक माह पूर्व शासन ने पहले चरण में 87596 बच्चों के अभिभावकों के खाते में ड्रेस आदि की राशि 1100 रुपये भेज दी है, जबकि 46195 छात्रों का बैंक खाता उनके आधार कार्ड से लिक न होने की दशा में रिजेक्ट हो गया है। इससे अभी भी एक लाख 40 हजार 811 अभिभावकों के खाते में उक्त धनराशि न पहुंचने से बच्चे बिना स्वेटर व जूता-मोजे के स्कूल जा रहे हैं। जिन अभिभावकों के खाते में शासन द्वारा भेजी गई धनराशि पहुंच भी गई है वे स्वेटर व अन्य सामानों की खरीदारी में लापरवाही बरत रहे हैं। वहीं, विभाग बार-बार उनसे खरीदारी के लिए मनुहार कर रहा है। अभिभावक संदीप निषाद ने बताया कि उनका बेटा अमन प्राथमिक विद्यालय ककरहवा में पढ़ता है। शासन से स्वेटर की खरीदारी के लिए दी जाने वाली धनराशि उन्हें नहीं मिली है। अभिभावक रंजीत कुमार का कहना है कि उनका बेटा ओवांश प्राथमिक विद्यालय घनेपुर में पढ़ता है, लेकिन अभी तक रुपया खाते में नहीं पहुंचा। यही हाल जनपद के अन्य विद्यालयों का भी है।
पहले चरण में 87596 बच्चों के खाते में शासन से पैसा भेजा जा चुका है। बचे छात्र-छात्राओं के खाते दुरुस्त करवाकर जल्द ही 1100 रुपये उनके खाते में भिजवा दिया जाएगा। जिन अभिभावकों के खाते में उक्त धनराशि पहुंच गई है, वे खरीदारी सुनिश्चित करा लें।
रिपोर्ट- विमलेश विश्वकर्मा ब्यूरो चीफ अंबेडकरनगर
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