उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय(दैनिक कर्मभूमि)चित्रकूट। भारतीय आजाद मंच के राष्ट्रीय प्रवक्ता दीपक पाण्डेय ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि देश व प्रदेश में वर्तमान जिस प्रकार का साम्प्रदायिक मौहाल बनाया जा रहा है। ये देश की आंतरिक सुरक्षा के लिये भी चुनौती प्रस्तुत कर रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत में सांप्रदायिकता का प्रयोग सदैव ही धार्मिक और जातीय पहचान के आधार पर हुआ है। राजनीतिक के माध्यम से समुदायों के बीच सांप्रदायिक घृणा, हिंसा, दंगों व भड़काऊ बयानबाजी के आधार पर विभाजन, मतभेद और भाईचारे, प्रेम को खत्म करके तनाव पैदा किया गया है। जिस हाथो में किताबे-पेन होनी चाहिए, उन्हें मजहब के नाम पर लड़ाने, हिंसा की आग में झोकने का काम किया जाता हैं। सांप्रदायिक, मजहबी हिंसा वोट बैंक की राजनीति को बढ़ावा देती है। मजहब के नाम प्रदेश के शहरों में हो रही धार्मिक हिंसा से लगता है कि राजनीतिक दर्शन के रूप में सांप्रदायिकता की जड़ें भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता में मौजूद हैं। सांप्रदायिक हिंसा में पीड़ित परिवारों को इसका सबसे अधिक खामियाजा भुगतना पड़ता है, उन्हें अपना घर, प्रियजनों यहां तक कि जीविका के साधनों से भी हाथ धोना पड़ता है। विकास का असमान स्तर, वर्ग विभाजन, गरीबी और बेरोजगारी आदि कारक सामान्य लोगों में असुरक्षा का भाव उत्पन्न करते हैं। उन्होंने सभी से अपील की कि सभी को अहिंसा के मार्ग चलना चाहिए।
*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव
*जनपद* चित्रकूट
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