सैलिनिटी स्ट्रेस पौधों के लिए बड़ी समस्या: डॉ. सुधीर उपाध्याय

उत्तर प्रदेश ( राष्ट्रीय दैनिक कर्मभूमि)जौनपुर

 

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर और गुरु नानक कॉलेज चेन्नई के तत्वावधान में पांच दिवसीय राष्ट्रीय ऑनलाइन वर्कशॉप के दूसरे दिन रविवार को पौधों की बायोफार्मिंग पर विस्तार से चर्चा हुई।
कार्यशाला में पीयूके पर्यावरण विज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर सुधीर कुमार उपाध्याय ने सैलिनिटी स्ट्रेस का पौधों के प्रभाव पर विस्तारपूर्वक चर्चा की तथा कहा कि यह एक बड़ी समस्या है जिसे सुधारना अति आवश्यक है।
गुरु नानक कॉलेज चेन्नई की डॉ लावण्या ने पौधों की बायोफार्मिंग पर चर्चा की तथा इसके सस्टेनेबिलिटी के महत्व को विस्तार से समझाया। उन्होंने रिकाम्बेंट प्रोटीन तथा ट्रांसजेनिक जीवों की प्रमुखता से चर्चा की ओरल वैक्सीन के बारे में भी बताया। कहा कि पौधे या पशु कोशिकाओं में चिकित्सकीय प्रोटीन के लिए कोड करने वाले विशिष्ट जीन को सम्मिलित करना शामिल है, इससे बनाए गए उत्पादों को बायो फार्मास्युटिकल के रूप में जाना जाता है क्योंकि वे जीवित जीव से प्राप्त होते हैं।
इसके पूर्व पीयू की शोधार्थी श्वेता सिंह ने अतिथियों का परिचय पढ़ा। कार्यक्रम का संचालन और धन्यवाद ज्ञापन गुरु नानक कॉलेज चेन्नई की आयोजक और समन्वयक डॉ.डॉली ने किया।