उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) चित्रकूट: आयुषग्राम में रविवार को वेद विषयक गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी का विषय आयुर्वेद का आधार वेद था। इस मौके पर फर्रुखाबाद के डा. सुरेंद्र सिंह ने कहा कि नेत्ररोगों से संबंधित पाश्चात्य देशों के मानक व आधुनिक भौतिकी के सिद्धांत ऋग्वेद से लिए गए हैं।
गोष्ठी की अध्यक्षता आयुषग्राम चित्रकूट के संस्थापक एवं पूर्व उपाध्यक्ष भारतीय चिकित्सा परिषद डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी ने की। डॉ. सुरेंद्र ने कहा कि ऋग्वेद के पांच मंत्रों में पूरे नेत्र विज्ञान और ज्योतिष विज्ञान का सूक्ष्म एवं वैज्ञानिक वर्णन किया गया है। इनसे आंखों की संरचना और प्रकाश के रेटिना तक पहुंचने की विधि का स्पष्ट रूप से पता चलता है। इसके साथ साथ ज्योतिष विज्ञान, जो प्रकाश के सिद्धांतों पर आधारित है, का भी सचित्र वर्णन किया गया है। डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी ने कहा कि वेद सर्वप्राचीन साहित्य हैं, ये विश्व के आदिग्रंथ हैं। विश्व के समस्त ज्ञान का मूल स्रोत वेद ही हैं। आयुर्वेद का मूल स्रोत भी ऋग्वेद ही है। प्राचीन आयुर्वेद ऋषि वैज्ञानिकों ने वैदिक मंत्रों पर शोध कर, उनका प्रयोग करके ही विश्व के प्राचीनतम स्वास्थ्य विज्ञान आयुर्वेद की रचना की थी। इस अवसर पर डॉ. अर्चना वाजपेयी, डॉ. वेद प्रताप वाजपेयी, आलोक कुमार, राहुल कुमार, स्नेहा, शालू सचान आदि मौजूद रहे।
*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव
*जनपद* चित्रकूट
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