आगामी चुनाव को लेकर यूपीसीए की छवि को धूमिल करने की साजिश

उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) कानपुर उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) के नाम की संस्था व उसके लोगो को कॉपी कर दवाब बनाने के पीछे जो तथ्य सामने आ रहे हैं, उसमें पूरा खेल इस वर्ष होने वाले यूपीसीए के चुनाव को लेकर माना जा रहा है।यूपीसीए के अधिकारियों द्वारा उक्त पूरे प्रकरण में कानूनी कार्यवाही तो करायी ही जा रही है साथ ही उनके द्वारा पूरे प्रकरण की छानबीन भी करायी जा रही है, जिसमें कुछ ऐसे लोगों के नाम सामने आ रहे है आगामी चुनाव को लेकर पर्दे के पीछे रहकर अपनी साजिश रच रहे हैं। जिसमें एक पदाधिकारी के प्रतिनिधि का नाम भी सामने आ चुका है। हालांकि इसकी जानकारी दिल्ली में बैठे यूपीसीए प्रमुख के अलावा आलाधिकारियों को भी हो चुकी है। इसी को लेकर रविवार को लखनऊ में यूपीसीए अधिकारियों की बैठक में इस गंभीर मुद्दे को लेकर आगे की रणनीति भी बनायी जायेगी। मजे की बात तो यह है कि इस बैठक में वह लोग भी शामिल होंगे जो संघ की छवि को धूमिल करने के षडयंत्र में शामिल है।

इस वर्ष यूपीसीए के चुनाव होने है, जिसमें अध्यक्ष, सचिव समेत सभी पांच पदों पर चुनाव होने हैं। खुद की कुर्सी बचाने तथा पुरानी कुर्सी हासिल करने के लिए ही विरोधियों को पीछे से समर्थन कर नए पैतरे अपनाए जा रहे हैं। यूपीसीए के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि आगरा के जीडी शर्मा के नाम से जो भी पत्र इंटरनेट मीडिया में प्रचारित किये जा रहे हैं, उनमें भी यह स्वीकार किया गया है कि यूपीसीए पहले सोसाइटी एवं चिट्स फंड में रजिस्टर्ड था। ऐसे में उन्होंने कैसे अपनी संस्था का नाम बदलकर यूपीसीए के नाम से पंजीकृत करा लिया। जबकि डिप्टी रजिस्ट्रार का जो बयान मीडिया में सामने आया है उसमें भी साफ कहा गया है कि कोई भी संस्था पुराने किसी भी नाम से पंजीकरण नहीं करा सकती। हालांकि अब यह जांच का विषय बन चुका है और यूपीसीए द्वारा जैसी ही वैधानिक कार्यवाही शुरू की जायेगी तो पुरे मामले का दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा। साथ ही चुनाव में अपनी गोटी फिट करने वालों की सभी मंशाएं भी धरी की धरी रह जाएंगी।

संवाददाता आकाश चौधरी कानपुर

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