दिल्ली (दैनिक कर्मभूमि):-कोविड महामारी के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद ( यूएनईएससी UNESC ) के सत्र को संबोधित किया।
उन्होंने विश्व शांति के लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि शांति और सद्भाव की स्थापना एकजुट होकर ही संभव है।
उन्होंने अपने भाषण के दौरान कुछ महत्वपूर्ण बातों पर बात की;
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ जंग को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमने कोरोना के खिलाफ लड़ाई को जन आंदोलन में बदला। भारत में कोरोना की स्थिति को लेकर उन्होंने कहा कि भारत में कोरोना वायरस से ठीक होने की दर (रिकवरी रेट) सबसे बेहतर है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना काल में स्थितियों को सामान्य बनाए के लिए शुरू की गई योजनाओं और फैसलों को लेकर कहा, हमने देश को प्रगति के पथ पर अग्रसर रखने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान चलाया। अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए विशेष पैकेज लाए।
उन्होंने 2022 तक सभी घर देने की बात भी कही।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमने छह साल में 40 करोड़ बैंक खाते खोले हैं। जरूरतमंद लोगों के खातों में हमने सीधे राहत राशि पहुंचाई है। हम खाद्य सुरक्षा योजना लाए जिससे 80 करोड़ से ज्यादा नागरिकों को फायदा मिला।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2030 के एजेंडा को हासिल करने के लिए भारत पूरी कोशिश कर रहा है। हमारा मूल मंत्र सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास है। हम किसी को पीछे नहीं छोड़ सकते हैं। हम जनता को हर मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत हैं।
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनिया में शांति और सद्भाव स्थापित करने के लिए सभी का योगदान बहुत जरूरी है। इस काम के लिए सबसे मिलकर आगे आने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि चुनौतियों से जीतने के लिए हमें मिलकर लड़ना होगा, यही एकमात्र रास्ता है।
रिपोर्ट :- संतोष शुक्ला
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