5 अगस्त,संसार भर के लिए भारत से रामराज्य का शुभ संकेत।

राजस्थान (दैनिक कर्म भूमि) बारां छीपाबड़ौद वेद,पुराणों का सार रामायण और जहां प्रकट हुए श्रीराम।अयोध्या यानी धरती पर स्वर्गलोक में जानें का स्थान कहा जाता है कि भारत भूमि स्वर्ग भूमि है जो यहां पैदा होता है यदि वो भारत स्थित सप्तपुरियों में भ्रमण करते रहते,शारीरिक मृत्यु को प्राप्त होता है तो सीधा स्वर्ग लोक जाता है।सप्तपुरियों में काशी मथुरा अयोध्या अवन्तिका द्वारका,जगन्नाथपुरी,हरिद्वार, कांचीपुरम मोक्ष नगरियों में आती है।अयोध्या में सभी वर्गो, धर्मो के प्रिय श्री राम का मंदिर त्रेतायुग की याद 5 अगस्त को ताजा करनें जा रहा है,कलयुगी दुनियां में आज तक का सबसे बड़ा चमत्कारी नजारा होगा।संसार भर में कोरोना;19 महामारी का संकट छाया हुआ है हम इस ऐतिहासिक घड़ियों में अयोध्या नही जा सकते परन्तु श्री राम की याद में तो एक दिन बिता ही सकते है।श्री राम का आवास रूप में अवतरण दिवस कलयुग में मंदिर निर्माण के रूप में 5 अगस्त को होनें जा रहा है आओ हम सब फिर से एक बार कलयुग में त्रेतायुग की दीपावली मनाए ओर अपने घर आँगन में 108 नही तो एक दिया तो जरूर जलावें ओर 5 मिनट ध्यानावस्था में निर्विकार ध्यान कर कलयुग से त्रेतायुग में जावें।इस पवित्र अवसर पर अलख निरंजन ज्योति ध्यान योग,केंद्र,अमीरपुर खेड़ी के सदस्यों की ओर से हल्दी मिले आटे से 108 दीप तैयार कर तिल के तेल से 5 अगस्त की रात्रि को दीपोउत्सव मनाया जावेगा।कार्यकारी अध्यक्ष एवं सह संचालक शंकर लाल नागर के अनुसार कोरोना काल होनें से आश्रम पर दीपोउत्सव में किसी के भाग लेने की अनुमति नही होंगी।योग संगठन मंत्री परमानन्द शर्मा के अनुसार कोरोना काल में श्रद्धालु दिन के समय दर्शन लाभ के लिए एकल रूप से आश्रम में प्रवेश कर अपने आप को सेनिटाइज,मास्क,सोसियल डिस्टेंस में रख मंदिरों में दर्शन कर सकते है तथा महाराज श्री सेवानन्द पुरी महाराज के दूर से दर्शन कर पिछले 27 साल से जल रहीं शिव धूणी की भभूति प्रसाद रुप में ले सकते है कोई भी साधक महाराज श्री के पैर नही छुए 5 फ़ीट दूर से ही प्रणाम करें।आश्रम पर स्थित फल और फूल भगवान की धरोवर है उन्हें अपने उपयोग हीत नष्ट नही करे आश्रम पर मनोरंजनात्मक सेल्फी ओर फोटोग्राफी नही करें समय का सदुपयोग कर 5 मिनिट अपने आप का ध्यान कर स्वयं की पहचान करें और आश्रम पर पवित्र वातावरण के निर्माण में सहयोग करें।अपने नाम और अपने पूर्वजों के नाम पर कोई पेड़-पौधा लगाना चाहे तो उसकी सुरक्षा झाली पौधे के साथ भेंट करें या 2100/-रुपये सहयोग राशि प्रदान कर पौधारोपण कर सकता है आश्रम की ओर से पौधें का पेड़ बनने तक लालन, पालन ओर पोषण किया जावेगा।

 

रिपोर्टर कुलदीप सिंह सिरोहीया बारां छीपाबड़ौद