आखिर शुरुआत हो ही गई: कंफर्ट जोन टूटा और बच्चे कूद पड़े सीखने

उत्तर प्रदेश ( दैनिक कर्मभूमि ) वाराणसी

वाराणसी।ऑनलाइन टीचिंग के माध्यम से समाज में सोशल मीडिया को और अधिक गंभीरता और सम्मान दिलाने की लड़ाई लड़ रहे डॉक्टर सत्य प्रकाश पांडेय, जो काशी हिंदू विश्वविद्यालय में एक वैज्ञानिक है, की रणनीति आखिर काम आ रही है. पिछले 220 दिनों से उनके द्वारा अनवरत किए गए प्रयासों का प्रतिफल है कि, आठवीं 10 दिवसीय बैक टू बैक पर्सनालिटी डेवलपमेंट वर्कशॉप में, बच्चे भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. विदित हो कि, अभी तक कि पिछली कार्यशालाओं में पर्सनालिटी डेवलपमेंट के विभिन्न पहलुओं को, बीसियों एक्सपर्ट के माध्यम से जन जन तक पहुंचाने का प्रयास किया गया.
वर्कशॉप की सातवीं श्रृंखला, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी के जन्म दिवस, बालक बालिका अभ्युदय कार्यक्रम के नाम से आयोजित की गई थी. इस कार्यक्रम मे बच्चों ने स्वयं प्रधानमंत्री जी तक अपनी बात पहुंचाई, और अपनी बातों से, सोशल मीडिया में धनात्मक ऊर्जा भरने की कोशिश की. इस कार्यक्रम में देश से ही नहीं बल्कि विदेश से भी सोशल मीडिया से जुड़े बच्चों ने अपना प्रदर्शन डॉक्टर सत्य प्रकाश जी को सौपा.
प्रोएक्टिव टैलेंट के रूप में, 3 बच्चे जो वाराणसी के प्राथमिक स्कूलों में अध्ययन कर रहे हैं, उनका चयन किया गया. इसी तरह दो बच्चे आसाम से, 3 बच्चे वाराणसी से, तथा एक बच्चा जयपुर से प्रोएक्टिव स्पीकर के रूप में चिन्हित किया गया. विदेश की धरती से भी भारतीयता को समर्पित, प्रधानमंत्री जी को दिया गया संदेश भी आकर्षक रहा.निश्चित ही सोशल मीडिया पर, इस तरह से, बच्चों के प्रदर्शन, समाज में अच्छा प्रभाव डाल रहे हैं. प्रधानमंत्री जन कार्य योजना के, दीनदयाल उपाध्याय नगर के उपाध्यक्ष के पद पर सुशोभित हुए अभी उन्हें, महज अभी 3 महीने ही हुए हैं, और उन्हें सामाजिक कार्यों के लिए, सितंबर माह में चंदौली जिले में व्यक्तिगत रूप अच्छा कार्य करने चिन्हित किया गया है. चंदौली जिले के प्रधानमंत्री जन कार्य योजना के अध्यक्ष श्री देव जायसवाल जी ने, डॉक्टर सत्य प्रकाश के कार्यों की प्रशंसा करते हुए, बताया कि ऐसे कार्यों से ही समाज में, एक बड़े परिवर्तन की उम्मीद जगाई जा सकती है. चौरी चौरा से सचिन गौरी वर्मा का जुड़ना तथा सुदूर शहाबगंज के क्षेत्र से अरुण गुप्ता जी का स्किल इंडिया के तहत बच्चों के व्यक्तित्व विकास के कार्यक्रम के लिए चुना जाना एक मौलिक कार्य है.
ज्ञात हो कि आज से शुरू हो रही, आठवीं 10 दिवसीय कार्यशाला में नेतृत्व विकास, और समाज में इसकी उपयोगिता पर चर्चा की जाएगी. निश्चित ही इसमें, देश के कोने कोने से नए टैलेंट और सम्मानित एक्सपर्ट अपनी परामर्श और राय समाज को सौंपेंगे.
नये बच्चे जो फॉर्म भरकर रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं, उन्हें नेतृत्व कला का गुण भी सीखने का अवसर मिलेगा. डॉक्टर सत्य प्रकाश का मानना है, आने वाले समय में इस तरह के कार्यक्रम, समाज के एक खास वर्ग के द्वारा नहीं, बल्कि व्यक्ति व्यक्ति द्वारा चलाया जाएगा और उनका सपना फेसबुक को रियल बुक बनाना संभव होगा.

उत्तर प्रदेश सम्पादक अभिषेक शुक्ला