उत्तर प्रदेश (दैनिक कर्मभूमि)अंबेडकर नगर
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रार्थिनी प्रभावती पत्नी संतराम निवासी मोहल्ला सिकंदराबाद टांडा को दिनांक 10/10/2020 उप जिलाधिकारी कार्यालय में तैनात अर्दली मंशाराम पुत्र स्वर्गीय वासुदेव, कैलाशी देवी पत्नी मंशाराम ने प्रभावती के बच्चे शिवा, भतीजा गंगाराम को 10:00 बजे गोलबंद होकर बुरी तरह से मारा पीटा मंशाराम यही नहीं रुके उन्होंने अचानक प्रार्थिनी पीड़िता प्रभावती का गला पकड़कर अश्लील हरकत करते हुए पीड़िता के कपड़ों को फाड़ दिया और जान से मार डालने की नियत से उठाकर जमीन पर पटक दिया।
काफी लोगों के बीच-बचाव के बाद पीड़िता की जान बच सकी पीड़िता के बताने के अनुसार प्रभावती का कुछ मामलों को लेकर मारपीट हो जाने के मामले में पूर्व में विपक्षी से मुकदमा संख्या 11/2014 वाद संख्या 5691/2014 मुकदमा संख्या 452, 354, 323, 506 IPC की धारा में जनपद न्यायालय में मुकदमा विचाराधीन है।
जबकि विपक्षी गढ़ उक्त मुकदमे को उठाने एवं समझौता किए जाने का दबाव देते हैं। और समझौता करके अगर मुकदमा नहीं उठाने की बात पीड़िता करती है तो उसे जान से मारने की धमकी भी लगातार विपक्षी गढ़ देते हैं।
जब उक्त संदर्भ में टांडा कोतवाली प्रभारी निरीक्षक से वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि मंशाराम की पत्नी को गंभीर चोटें आई हैं। जिस नाते उनका मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है।
और इनके मुकदमे में पूछे जाने पर प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि क्रास मुकदमा पंजीकृत नहीं किया जा सकता लेकिन जांच कर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी बरहाल पीड़िता प्रभावती को भी चोटें आई हैं। किंतु उनका मुकदमा खबर लिखे जाने तक पंजीकृत नहीं किया जा सका था।
वही दूसरी तरफ पीड़ित प्रभावती सीएम योगी अगेन 2022 संगठन की प्रदेश अध्यक्ष महिला मोर्चा है। और उसने आरोप लगाते हुए बताया है।
कि मंशाराम ने गोलबंद होकर मेरे बच्चों एवं भतीजे को मारा पीटा और जब मैंने बचाने का प्रयास किया तो मेरे साथ अश्लील हरकत करते हुए विपक्षी ने मेरे कपड़ों को फाड़ दिया और मुझे मारा पीटा भी किसी तरह लोगों के बीच बचाव करने पर मेरी जान बच सकी फिर भी मेरे प्रार्थना पत्र पर मेरी तहरीर के आधार पर ना तो मेरा मेडिकल चेकअप हुआ और ना ही मेरा मुकदमा पंजीकृत किया गया।
साथ ही पीड़िता ने कहा है। कि मैं न्याय की गुहार लगाने जनपद के पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी के पास सोमवार को जाऊंगी अगर मेरी फरियाद वहां भी नहीं सुनी जाती है तो मैं फिर कोर्ट का सहारा लेते हुए 156 3 के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत कराने के लिए प्रयासरत रहूंगी।
रिपोर्ट-विमलेश विश्वकर्मा
अंबेडकर नगर
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