उत्तर प्रदेश ( दैनिक कर्मभूमि) वाराणसी
वाराणसी।डॉ सत्य प्रकाश, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के एक वैज्ञानिक, जिनके बारे में अब जन जन तक लोग “डॉ सत्या होप टॉक” के नाम से भी जानते हैं, उन्होंने अपनी दसवीं 10 दिवसीय कार्यशाला, बच्चों के साथ मिलकर, एक्ट एंड आर्ट प्रतियोगिता के तौर पर संपन्न किया. जैसा कि हम जानते हैं कि, शिक्षा अभियान को सोशल मीडिया के माध्यम से फ्री एजुकेशन की उम्मीद रखने वाले, वैज्ञानिक डॉ सत्य प्रकाश, फेसबुक को रियल बुक बनाना चाहते हैं. उनका मानना है कि, जिस तरह से फेसबुक का प्रचार प्रसार जन जन तक हो चुका है, और यह अपनी स्वीकार्यता समाज में स्थापित कर चुका है, तो अब इसको खुले घोड़े की तौर पर नहीं छोड़ा जा सकता, जबकि इस फेसबुक को माध्यम बनाकर, समाज की सबसे बड़ी आवश्यकता, शिक्षा को पूरा करने में सहयोग लेना ही पड़ेगा. वर्तमान की संपन्न हुई कार्यशाला में बच्चों ने प्रतियोगिता में भाग लेकर एक बार पुनः सिद्ध किया कि बचपना ज्यादा उम्मीद रखता है अच्छे परिवर्तन की. डॉक्टर साहब से संवाददाता की बात हुई तो पता चला कि, इस कार्यशाला में देश के कोने कोने से बच्चे जुड़े और अपने प्रदर्शन से बहुत सारे लोगों को रोमांचित किए. दीनदयाल उपाध्याय नगर, वाराणसी, जालंधर, अंबेडकर नगर, नोएडा, दिल्ली, पुणे इत्यादि शहरों के बच्चे जुड़े तो जुड़े, शिकागो और न्यूजर्सी के बच्चे भी डॉक्टर सत्य प्रकाश की पुकार को सुनकर अपने को रोक नहीं सके. डॉ सत्यप्रकाश के पुत्र देवर्ष जो कक्षा 1 के छात्र है उन्होंने शिव मानस पूजा, अक्षिता तिवारी ने भरतनाट्यम, आद्या सिंह ने गब्बर सिंह का नाटक प्रस्तुत किया. जालंधर की मीनू कुमारी ने डान्स तथा चित्रकारी प्रस्तुत की तथा दक्षिण भारत की मधु ने मण्डल चित्र कला का प्रदर्शन किया. व्योम, क्षितिज, जान्हवी, कार्तिकेय, अर्नेश प्रियांशु, ऋषभ, दिव्यांक, अद्वितीता, भार्गव, काव्यश्री, अंश, आदित्य और शाश्वत इत्यादि ने कार्यक्रम मे अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन कर हम सब को नई दिशा और सोच के साथ आगे देखने की बात समझाई. शायद Covid19 के कारण अति प्रासंगिक हुई ऑनलाइन शिक्षा की बड़ी उपलब्धि यही होगी कि हम एक बड़ा अभियान, शिक्षा का चला पाएंगे. अगली कार्यशाला सूचना के अधिकार और उससे जुड़े अनुभव विषय पर आयोजित है जिसमें 2 से 11 नवम्बर को तथा बच्चों की अगली कार्यशाला 14 नवम्बर से अगले 10 दिन तक चलेगी.
कभी न रुकने वाली डा सत्य प्रकाश की कार्यशालाओ की उपलब्धि नए विकल्पो को भी तैयार करेगी. डॉ सत्य प्रकाश का मानना है कि “हमारी और आपकी पहचान ही हमारी ताकत है”. सीखेंगे, सिखाएंगे, पहचान बढ़ाएंगे वाली बात सार्थक होगी.
उत्तर प्रदेश सम्पादक अभिषेक शुक्ला
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