उत्तर प्रदेश (दैनिक कर्मभूमि) अंबेडकर नगर।
अंबेडकरनगर के जिला मुख्यालय पर यातायात की व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। यातायात विभाग नो एंट्री का पालन करवाने में इस कदर फेल हो चुका है। जिसकी कोई कल्पना भी नहीं की जा सकती है। आखिरकार जिले में नो एंट्री आम लोगों के लिए ही बनाई जाती है,;और दबंग मोटर मालिक एवं यातायात विभाग की मिलीभगत से मोटी रकम की सांठगांठ के चलते किसी भी समय जब चाहे तब कुछ बड़े लोगों की गाड़ियों की इंट्री शहर के अंदर धड़ल्ले से करवा दी जाती है। इस तरह नो एंट्री रोकने के लिए जो यातायात विभाग के होमगार्ड व पीआरडी के जवानों की ड्यूटी दिनरात लगी होती है, असल मायने में उनके काम का कोई भी असर नहीं देखने को मिलता है इस बात को उसी विभाग के एक व्यक्ति ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि हम लोगों की ड्यूटी सिर्फ देखने के लिए ही होती है बाकी काम यातायात विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी खुद डील करते रहते हैं। अगर हमलोग इस प्रकार की गाड़ियों को रोकने की कोशिश भी करते है तब तक यातायात विभाग से ही फोन आ जाता है कि इसको जाने दीजिए। यही कारण है कि हम लोगों की कोई भी बात नहीं मानता हैं।कुछ लोग यातायात विभाग की मेलमिलाप के चलते बेधड़क गाड़ियों को शहर के अंदर से जाकर पार कर देते हैं लेकिन उसी समय यदि कोई दुर्घटना हो जाती है तो उसका जिम्मेदार उस रोड पर जिस जवान की ड्यूटी होती है उसे ही ठहराया जाता है। और विभाग भी उसी के ऊपर उल्टा कार्यवाही करना शुरू कर देता है। यह है विभाग की कार्यवाही का आलम। विभाग के उदासीनता के चलते नो एंट्री मात्र छलावा ही रह गया है। इसका पालन वही लोग करते हैं जिनका विभाग में या तो पकड़ नहीं है या फिर सौदा नहीं तय हो पा रहा है।
रिपोर्ट-विमलेश विश्वकर्मा अंबेडकर नगर
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