भारत की सनातनी जनताके लिये शुभ संकेत पंडित सिद्धार्थ शुक्ला

उत्तर प्रदेश ( दैनिक कर्मभूमि) अयोध्या

अयोध्या।जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वतीके शिष्यों के माध्यमसे संकेत मिल रहा है कि उन्होने ज्योतिष्पीठ पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती और द्वारकापीठ पर स्वामी सदानन्द सरस्वती को अनौपचारिक या लिखित रूपसे अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है। सोशल मीडिया में भी ऐसे संकेत मिल रहे हैं यद्यपि कोई स्पष्टरूपसे कुछ नहीं बता रहा है। वैसे यह घोषणा विधिवत अभिषेक और शपथग्रहण के उपरान्त ही प्रभावी होगी। यह दोनों शिष्य क्रमशः दोनों पीठों की देखभाल पहले से ही कर रहे हैं।तीन वर्ष पूर्व होने वाली थी घोषणा -सूत्रोंके हवालेसे पता चला कि यह घोषणा लगभग तीन वर्ष पूर्व स्वामी वासुदेवानन्द विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट में फैसला सुरक्षित रहनेके दौरान वसीयत के माध्यमसे वाराणसी में होने वाली थी। स्टाम्प पेपर पर लिखा पढी़ हो गयी थी किन्तु किसी आन्तरिक विरोध के कारण हस्ताक्षर नहीं हो सका था। अब उसी को अन्तिम रूप दे दिया गया है।

स्वामी ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वतीजी ने दिया सहर्ष बधाई-
प्रयाग में प्रवास कर रहे स्वामी ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वती स्वामी स्वामी स्वरूपानन्दजी के प्रमुख शिष्यों में हैं। वह स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द के साथ ज्योतिष्पीठ सम्बन्धी आन्दोलनों और मुकदमों की पैरवी इत्यादिमें अग्रणी रहे हैं।वे हाईकोर्टमें पूरी बहसके दौरान स्वयं न्यायालय में उपस्थित होकर बहस में भागीदारी किये थे। अतः शङ्कराचार्य की नियुक्ति सम्बन्धी सभी विन्दुओंसे भलीभांति परिचित हैं। फोनसे सम्पर्क करने पर उन्होने गद्गद भावसे कहा कि “यदि ऐसा है तो अत्यन्त प्रसन्नता की बात है, हम ज्योतिष्पीठ, द्वारकापीठ और विश्वकी सनातनी जनताको बधाई देते हैं। दोनों ही उत्तराधिकारी उर्जावान् और नेतृत्वक्षमता से सम्पन्न तथा बहुमुखी प्रतिभाके धनी हैं। आज सनातन धर्म के समक्ष जो चुनौतियां हैं उनका सामना कोई बहुमुखी प्रतिभावाला संन्यासी ही कर सकता है।पीठ सम्हालना किसी साधारण रट्टू विद्वान् के वश का नहीं है।”

उत्तर प्रदेश सम्पादक अभिषेक शुक्ला