पंचायत चुनाव, ऑनलाइन तय होगा ग्राम पंचायतों में आरक्षण

राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि)गोरखपुर। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां जोर शोर पर है। परसीमन आजकल में फाइनल हो जाएगा जबकि फाइनल वोटर लिस्ट 22 जनवरी को जारी होगी। लेकिन इस समय सबसे इधर दावेदारों की नजर आरक्षण पर टिकी हुई है। खास बात यह है कि इस बार पंचायतों में आरक्षण मैनुअल की बजाय विशेष सॉफ्टवेयर से ऑनलाइन होना है। इसके लिए विभागीय पोर्टल पर पिछले 5 चुनाव के आरक्षण का ब्यौरा फीड किया जा रहा है।
पंचायत चुनाव के दावेदारों में सबसे ज्यादा बेचैनी आरक्षण को लेकर देखी जा रही है। इसके बाद ही तय होगा कि किस गांव में किस जाति का उम्मीदवार चुनाव लड़ सकता है। क्योंकि गांव अगर आरक्षित हो गया तो सामान्य जाति के लोग वहां से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
इसी तरह अगर गांव महिला के लिए आरक्षित हो गया तो वहां से कोई पुरुष पर्चा नहीं भर सकता। पंचायत चुनाव में सर्वाधिक विवाद सीटों के आरक्षण तय करने में फंसता है। हर सीट पर प्रत्येक वर्ग को प्रतिनिधित्व को वर्ष1995 से चक्र अनुक्रम आरक्षण व्यवस्था लागू हुई। हालांकि इस साल अभी फार्मूले का इंतजार है लेकिन डीपीआरओ ऑफिस के अनुसार, पारदर्शिता के चलते पंचायत चुनाव 2020 नाम से सॉफ्टवेयर पर पंचायतों की आबादी व आरक्षण का ब्यौरा आदि अपलोड किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि चुनावी प्रक्रिया आरंभ होते ही शासन के फैसलेनुसार सॉफ्टवेयर से आरक्षण तय हो जाएगा।

परिसीमन प्रभावित पंचायतों की भी जानकारी मांगी

आंशिक परिसीमन वाले जिलों में प्रभावित पंचायतों की स्थिति की जानकारी मांगी गई है। पंचायती राज निदेशक ने पंचायत चुनाव के संबंध में जिलों से सूचना मांगी है। 2015 में जिले में कितनी सीटों पर पंचायत चुनाव हुआ था, इस वर्ष कितनी सीटें कम हुई है। ऐसा वही किया जा रहा जा रहा है जहां सीमा विस्तार के बाद ग्राम पंचायतों का रकबा प्रभावित हुआ है।या फिर ग्राम पंचायत, नगर पंचायत या पालिका में दर्ज हो गई है।

सम्पादक अभिषेक शुक्ला