राजस्थान राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) बारा छिपाबड़ोद उपखंड एवं तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत राईं के गांव झरनिया जागीर में पेड़ से गिरकर बंदर दे रहे जान ग्राम वासीयों द्वारा बताया गया हैं की संक्रमित होने की संभावनाएं हैं। पूर्व में भी एक बंदर तकरीबन चार-पांच दिन पहले 20 फीट ऊपर पेड़ की डाली से नीचे गिरा कुछ देर तड़पने के बाद उसकी मौत हो गई जिसके बाद बुधवार दोपहर एक बंदर ने उसी तरह पेड़ से गिरकर इंटरलॉकिंग खरंजे पर गिरकर कुछ देर बाद उछल कूद करने के बाद अचानक घबराहट के साथ ऐसा होना बताया ग्रामवासियों ने जैसे कि पेरेलाइसिस (लकवाग्रस्त)
का शिकार हो जाते हैं उसी तरह से कांप रहा था।जिसे ग्रामवासियों की मदद से प्राथमिक उपचार के लिए वन विभाग नाका छीपाबड़ौद पहुंचाया गया। ग्राम पंचायत राईं के झरनिया जागीर निवासी बंटी बना राजपूत ने जानकारी देते हुए बताया गया है कि हमारे गांव में करिबन 20 घरों की बस्ती है लेकिन यहां तकरीबन 350 बंदरों का जमावड़ा लगा रहता है रोजाना उसी तरह चार पांच दिन पहले एक बंदर अचानक पैड़ से निचे गिर गया और कुछ देर बाद लकवाग्रस्त की तरह तड़प तड़प कर कुछ देर बाद मौत हो गई।उसी तरह आज बुधवार दोपहर को भी उसी तरह एक बंदर पेड़ की डाली से तकरीबन 20 फिट उंचाई से अचानक निचे गिर गया और तड़फड़ाहट मचाने लग गया। उसके बाद उछल-कूद कर बेहोश हो गया जिसको लेकर ग्राम वासियों में भय बना हुआ है कि। वर्तमान समय में कोरोनावायरस जैसी भयंकर वैश्विक बिमारी महामारी का लगातार स्तर बढ़ रहा है और ऐसे में हमारे गांव में एक सप्ताह में दो बार बंदरों की पेड़ से गिरने कु घटनाओं से ग्रामवासी स्तब्ध है। दोपहर को पेड़ से गिरकर बेहोश हुए बंदर की सुचना को लेकर दैनिक नवज्योति समाचारपत्र के संवाददाता कुलदीप सिंह सिरोहीया को जर्ये मोबाइल फोन सुचना के आधार पर सुचना दी उसके बाद ग्राम पंचायत राईं के स्टाफ को भी सुचना दी लेकिन कोई भी मौके पर नहीं पहुंचा उसके बाद वन विभाग नाका प्रभारी राईं भगवान सिंह ने मौके पर पहुंचकर बंदर को अपने कब्जे में लेकर वन विभाग रेंज कार्यालय छीपाबड़ौद पहुंचे। उससे पहले नाका प्रभारी भगवान सिंह ने बताया कि वेटरनरी कंपाउंडर राईं से प्राथमिक उपचार करवाने के बाद छीपाबड़ौद रेंज में लेकर आए जहां वन विभाग रेंज की निगरानी में रखा जाएगा।
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*हम झरनिया जागीर गांव में गए जहां से सुचना मिली थी कि एक सप्ताह में दो बार बंदरों का पेड़ से गिरकर बेहोश हो जाने की सुचना दी गई थी जिसपर गांव में जाकर देखा तो वहां पर पेड़ के नीचे पड़े बंदर को कब्जे में ले वेटरनरी कंपाउंडर राईं से प्राथमिक उपचार करवाने के बाद उसे वन विभाग रेंज में निगरानी में रखा जाएगा जब वह पुर्ण रुप से स्वस्थ हो जाएगा उसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी,,,, भगवान सिंह नाका प्रभारी वन विभाग नाका राईं*
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*चार पांच दिन पहले भी एक बंदर तकरीबन बीस फिट उंचाई से इसी तरह गिरकर इंटरलॉकिंग खरंजे पर बेहोश हो गया था जिसको लेकर ग्राम वासियों में खौफ पैदा हो गया था कि कहीं वर्तमान में कोरोना वायरस जैसी भयंकर वैश्विक बिमारी महामारी फैलने की लगातार दूसरी लहर दौड़ रही है तो कहीं जानवरों में भी संक्रमित होने से यह पेड़ की डालियों से गिरकर मर रहे हैं। ऐसे में हम लोगों ने वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को सुचित किया गया था जिसपर वन विभाग नाका राईं से भगवान सिंह ने मौके पर पहुंचकर बंदर को प्राथमिक उपचार के लिए ले जाया गया,,,,बंटी बना राजपूत झरनिया जागीर ।
रिपोर्टर कुलदीप सिंह सिरोहीया बारा छिपाबड़ोद
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