उर्वरकों के सत्यापन के लिए 29 बिक्री केंद्रों पर आकस्मिक छापा

उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय(दैनिक कर्मभूमि)चित्रकूट। जिला कृषि अधिकारी आरपी शुक्ला ने बताया कि उर्वरकों को पॉस मशीन के अनुसार भौतिक सत्यापन व जमाखोरी रोकने के लिए जिलाधिकारी चित्रकूट शुभ्रान्त कुमार शुक्ल के निर्देश पर कृषि विभाग के उर्वरक निरीक्षक व अन्य विभागों के अधिकारियों की संयुक्त टीम गठित कर जिले के उर्वरक विक्रेताओं के 29 प्रतिष्ठानों पर छापे डाले गए, जिसमें एक उर्वरक विक्रेता को POS मशीन के अनुसार उर्वरक की मात्रा न पाए जाने पर कारण बताओ नोटिस जारी की गई। संदिग्ध उर्वरक के स्टॉक से कुल दो नमूने ग्रहीत किए गए हैं जिन्हें परीक्षण के लिए प्रयोगशाला भेजा जाएगा जिनके परिणाम प्राप्त होने पर उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के तहत कार्यवाही की जाएगी। इस समय रबी फसलों की बुवाई चल रही है जिससे फॉस्फोरसयुक्त उर्वरकों का किसानों द्वारा क्रय किया जा रहा है। किसानों को निर्धारित मूल्य पर डी ए पी व अन्य उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए तथा विक्रेताओं द्वारा खाद का अवैध भंडारण कर कृत्रिम अभाव पैदा करने, कालाबाजारी, ओवर रेटिंग, खाद के साथ अन्य उत्पादों की टैगिंग को रोकने के लिए शासन के निर्देश पर गठित जिला स्तरीय टीम द्वारा सभी चारों तहसीलों में सघन छापेमारी की गई जिसमें उर्वरक विक्रेताओं की दुकानों व गोदामों का निरीक्षण किया गया तथा पी.ओ.एस मशीन से भौतिक स्टॉक का सत्यापन किया गया।

जिन दुकानों पर कमी पाई गई, उनको अभिलेख अद्यावधिक रखने की हिदायत दी गई, जबकि पी ओ एस मशीन से वितरण संबंधी अनियमितता पाए जाने पर एक दुकानदार को नोटिस दी गई। सभी विक्रेताओं को रेट बोर्ड लगाने, स्टॉक का प्रदर्शन व केवल पी. ओ. एस. मशीन के जरिए ही उर्वरक बिक्री के लिए निर्देशित किया गया।

 

जिले में है पर्याप्त डी ए पी – जिलाधिकारी

 

जनपद में डी ए पी प्रयाप्त मात्रा में उपलब्ध है। अभी 1006 मीट्रिक टन डी ए पी की रैक प्राप्त हुई थी जिसे सहकारी समितियों पर भेज दिया गया है जहाँ से वितरण कराया जा रहा है। जल्द ही लगभग 550 मीट्रिक टन डी ए पी फिर प्राप्त होगी जिसे प्राथमिकता के आधार पर माँग के अनुरूप समितियों पर भेजा जाएगा। सभी किसान भाई ज़रूरत के मुताबिक अपनी खतौनी व आधार दिखाकर खाद ले जाकर दलहनी व तिलहनी फसलों की बुवाई के समय प्रयोग करें। चित्रकूट में अभी गेहूँ की बुवाई में लगभग 15-20 दिन का समय है। शासन से एक रैक डी ए पी की माँग भेजी गई है, तब तक मिलने की संभावना है, जिसे समितियों व इफको के बिक्री केंद्रों के द्वारा किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा।

 

*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव

*जनपद* चित्रकूट