कुत्तों के लिए बनाया डॉगस्टेशन

उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि)  मथुरा  ब्रज यातायात एवं पर्यावरण ज़न जागरुकता समिति की युवा प्रदेश अध्यक्ष जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हम एक महामारी के दौर से गुज़र रहे हैं, जिसके कारण हमे बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसी प्रकार हमारे आस-पास रहने वाले जीवों को भी कई परेशानियां सता रही हैं, जैसे कि हमारे आस पास सबसे ज्यादा मिलने वाला जानवर कुत्ते(डॉगो) हैं जो कि सभी गली मुहल्ले में होते हैं |

ऐसा ही एक पर्यवेक्षण किया गया बृज यातायात एवं पर्यावरण ज़न जागरुकता समिति की युवा प्रदेश अध्यक्ष ओजस्विनी शर्मा व युवा मुख्य महासचिव जिज्ञासा अग्रवाल द्वारा | जब जिज्ञासा अग्रवाल की गली में 5 पिल्लों ने जन्म लिया किन्तु वह उनका पालन पोषण नहीं कर पा रहीं थी, तब उन्होंने अपनी परेशानी ओजस्विनी शर्मा से साझा की, दोनों ने मिलकर बहुत सोच विचार कर निर्णय लिया कि वह उन पिल्लों को सड़क पर नहीं मरने देंगे व उनको परिवार दिलाएंगे, जो उनका बेहतर पालन पोषण कर सके | यहीं से शुरुआत हुई एक नई पहल जिसको नाम दिया गया “डॉगस्टेशन”.

डॉगस्टेशन के द्वारा दोनों ने ज़िम्मा उठाया बेसहारा डॉगो और पिल्लों को गोद दिलवाने का | इसी के साथ हमारी भारतीय कुत्तों की नस्ल को उसकी सही जगह व हक दिलवाने का | हम सभी जानते हैं कि डॉगो का व्यापार एक संगीन जुर्म है जो आजकल विदेशी नस्ल की लोकप्रियता के कारण ज़ोर शोर से चल रहा है |

इसको रोकने व कम करने हेतु दोनों ने निरंतर प्रयास किये, डॉगस्टेशन को सोशल मीडिया के द्वारा लोगों तक पहुंचाया गया | डॉगस्टेशन की गरिमा को नई ऊँचाइयाँ दी वार्ड 66 की पार्षद व बृज यातायात एवं पर्यावरण जन जागरुकता समिति की प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती श्वेता शर्मा ने, जब उन्होंने इस कार्य को सराहा व सभी से डॉगस्टेशन से जुड़ने की अपील की, इन्हीं प्रयासों के चलते मात्र 10 महीनों में डॉगस्टेशन 12 पिल्लों को गोद दिलवाने में कामयाब हुआ है व कई गली मुहल्ले में पिल्लों के घर और खाने पीने की जिम्मेदारी भी गली के कुछ लोगों को सौंपी गई है | आप सभी पशु प्रेमियों से यही निवेदन है कि डॉगस्टेशन से जुड़े व बेजुबानो के प्रति अपना योगदान दें | व युवा मुख्य महासचिव जिज्ञासा अग्रवाल द्वारा | जब जिज्ञासा अग्रवाल की गली में 5 पिल्लों ने जन्म लिया किन्तु वह उनका पालन पोषण नहीं कर पा रहीं थी, तब उन्होंने अपनी परेशानी ओजस्विनी शर्मा से साझा की, दोनों ने मिलकर बहुत सोच विचार कर निर्णय लिया कि वह उन पिल्लों को सड़क पर नहीं मरने देंगे व उनको परिवार दिलाएंगे, जो उनका बेहतर पालन पोषण कर सके | यहीं से शुरुआत हुई एक नई पहल जिसको नाम दिया गया “डॉगस्टेशन”. डॉगस्टेशन के द्वारा दोनों ने ज़िम्मा उठाया बेसहारा डॉगो और पिल्लों को गोद दिलवाने का | इसी के साथ हमारी भारतीय कुत्तों की नस्ल को उसकी सही जगह व हक दिलवाने का | संस्थापक अध्यक्ष विनोद दीक्षित ने कहा डॉगो का व्यापार एक संगीन जुर्म है जो आजकल विदेशी नस्ल की लोकप्रियता के कारण ज़ोर शोर से चल रहा है | इसको रोकने व कम करने हेतु दोनों ने निरंतर प्रयास किये, डॉगस्टेशन को सोशल मीडिया के द्वारा लोगों तक पहुंचाया गया | युवा महिला प्रदेश अध्यक्ष जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हम एक महामारी के दौर से गुज़र रहे हैं, जिसके कारण हमे बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसी प्रकार हमारे आस-पास रहने वाले जीवों को भी कई परेशानियां सता रही हैं, जैसे कि हमारे आस पास सबसे ज्यादा मिलने वाला जानवर कुत्ते(डॉगो) हैं जो कि सभी गली मुहल्ले में होते हैं |

ऐसा ही एक पर्यवेक्षण किया गया बृज यातायात एवं पर्यावरण ज़न जागरुकता समिति की युवा प्रदेश अध्यक्ष ओजस्विनी शर्मा व युवा मुख्य महासचिव जिज्ञासा अग्रवाल द्वारा | जब जिज्ञासा अग्रवाल की गली में 5 पिल्लों ने जन्म लिया किन्तु वह उनका पालन पोषण नहीं कर पा रहीं थी, तब उन्होंने अपनी परेशानी ओजस्विनी शर्मा से साझा की, दोनों ने मिलकर बहुत सोच विचार कर निर्णय लिया कि वह उन पिल्लों को सड़क पर नहीं मरने देंगे व उनको परिवार दिलाएंगे, जो उनका बेहतर पालन पोषण कर सके | यहीं से शुरुआत हुई एक नई पहल जिसको नाम दिया गया “डॉगस्टेशन”.

डॉगस्टेशन के द्वारा दोनों ने ज़िम्मा उठाया बेसहारा डॉगो और पिल्लों को गोद दिलवाने का | इसी के साथ हमारी भारतीय कुत्तों की नस्ल को उसकी सही जगह व हक दिलवाने का | हम सभी जानते हैं कि डॉगो का व्यापार एक संगीन जुर्म है जो आजकल विदेशी नस्ल की लोकप्रियता के कारण ज़ोर शोर से चल रहा है ।

रिपोर्टर विनोद दिक्षित मथुरा