पाकिस्तान जेल में बंद मछुआरे की सजा पूर्ण होने के बाद भी नहीं हो सकी रिहाई , आर्थिक तंगी से जूझ रहा परिवार

उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय(दैनिक कर्मभूमि)चित्रकूट। जिला के कर्वी तहसील अंतर्गत पहरा गांव में रहने वाली नसिबिया बेगम के सामने इन दिनो आर्थिक तंगी का पहाड़ टूट पड़ा है। पीड़ित महिला ने बताया कि उसका पति अहमद खान पुत्र रमजान निवासी पहरा थाना भरतकूप जिला चित्रकूट मछली ठेकेदार के ठेका में काम करने के लिए गया था। जहां मछली का शिकार करते वक्त प्रार्थी मछली समुद्र में पकड़ते वक्त पाकिस्तान सीमा के प्रवेश कर गया जहां से पाकिस्तान के अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा पीड़ित महिला के पति को अपनी अभिरक्षा में ले लिया गया है। प्रार्थना का पति काफी समय से पाकिस्तान की अभिरक्षा में है। जिसकी वजह से पीड़ित महिला के बच्चे दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं महिला के सामने अब आर्थिक तंगी आने की वजह से बच्चों को दो वक्त की रोटी या महिला खिलाने में सक्षम नहीं है। लेकिन महिला की राज्य शासन के द्वारा अभी तक किसी तरह की कोई मदद नहीं की गई है यही वजह है कि महिला अब इन दिनों अपने बच्चों का पालन पोषण करने में असमर्थ है।

महिला ने प्रधानमंत्री व भारत सरकार से पति रिहाई के लिए लगाई गुहार: – पीड़ित महिला नसिबिया बेगम ने प्रधानमंत्री एवं भारत सरकार नई दिल्ली से पाकिस्तान में बंद पति अहमद खान पुत्र रमजान निवासी पहरा तहसील कर्वी जिला चित्रकूट को रिहाई की गुहार लगाई है उन्होंने कहा कि मेरे पति ठेकेदार के साथ मछली पकड़ने के लिए समुंद्र में गए थे इसी दौरान सीमा क्षेत्र के अंदर शिकार करते वक्त पहुंचने की वजह से पाकिस्तान के सैनिक व कर्मचारियों ने मेरे पति को अभिरक्षा में ले लिया है। लेकिन अभी तक रिहाई ना होने की वजह से पीड़ित महिला और उसके बच्चे दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। महिला ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि विदेश मंत्रालय के माध्यम से 3,7, 2020 को एक पत्र उसे प्राप्त हुआ है जिसमें कहा गया है कि उनके पति के द्वारा पाकिस्तान में सजा की अवधि तक जेल की सजा काट ली गई है जो 2019 थी और 2019 में अप्रैल माह में उनकी राष्ट्रीयता की भी पुष्टि हो गई है लगातार पीड़ित महिला के पति की रिहाई कभी मामला उठाया जा रहा है।

सजा काटने के बाद भी आखिर पाकिस्तान ने अहमद खान की क्यों नहीं की रिहाई:- विदेश मंत्रालय के द्वारा प्राप्त जवाब ने महिला और उसके बच्चों पर तरह-तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं महिला का मानना है कि जब विदेश मंत्रालय के द्वारा हमें जानकारी दी गई है कि 2019 में उसके पति ने पाकिस्तान की सजा काट ली है और रिहाई की विदेश मंत्रालय द्वारा लगातार पाकिस्तान को रिहाई के लिए कहां जा रहा है वही महिला का कहना है कि आज दिनांक तक मेरे पति की रिहाई नहीं हुई है जिससे मैं एक बार फिर मीडिया के माध्यम से विदेश मंत्रालय एवं प्रधानमंत्री जी से निवेदन करना चाहती हूं कि मेरे पति की रिहाई के संबंध में कुछ कदम उठाएं क्योंकि वर्तमान में पीड़ित महिला एवं उसके बच्चे दो दो रोटी के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।

राज्य सरकार ने नहीं की किसी तरह की मदद:- पीड़ित महिला ने कहा कि जब से उसके पति पाकिस्तान की जेल में बंद हो गए हैं तब से महिलाओं के जीवन में तरह तरह के संकट छा रहे हैं एक ओर जहां बच्चे और महिला भूख प्यास से परेशान हैं तो दूसरी तरफ राज्य सरकार व शासन के द्वारा पीड़ित महिला की आज तक किसी तरह की कोई मदद नहीं की गई जिससे महिला अपने बच्चों को दो वक्त की रोटी खिला सके।

*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव

*जनपद* चित्रकूट