दबंग खदान संचालक खुलेआम खनन नीति को दिखा रहा ठेंगा

उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय(दैनिक कर्मभूमि) चित्रकूट।उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में सत्तापक्ष से जुड़े सफेदपोश धारियों की इस समय चांदी हो रही है। सत्ता का इस तरह खुमार चढ़ा हुआ है कि नेताओं का इस कदर अब अधिकारियों को डर सताने लगा है और यही वजह है कि पट्टाधारी खनननीति की धज्जियां उड़ाते हुए अवैध तरीके से चित्रकूट के गढ़ी खदान के पट्टे के नाम पर बांदा जिले की नदियों का दोहन शुरू कर दिया है जिसमें बांदा के खनन क्षेत्र पहाड़ी खुर्द सिंहपुर बागे नदी में प्रशासन व खनिज विभाग की छत्रछाया में अवैध खनन खुलेआम जारी है। चित्रकूट जिले का पट्टा होने के बावजूद बांदा जनपद की बालू भरकर ओवरलोडिंग करके चित्रकूट के बालू माफियाओं द्वारा लाई जा रही है। इस खदान में अवैध तरीके से रात दिन अवैध खनन का खेल रसूखदार खनन माफिया त्रिपाठी और द्विवेदी खनन माफिया धारकों द्वारा खुलेआम खेला जा रहा है। वही बालू माफिया दबंग है और यही वजह है कि ग्रामीण जहां अपना जीवन व्यतीत करने के लिए नदी में सब्जी तरोई लौकी करेला लगाई थी तो वही दबंग माफियाओं द्वारा उनकी सब्जी को उजाड़ कर फेंक दिया गया है। इतना ही नहीं दबंग माफियाओं द्वारा गांव के लोगों को गाली गलौज कर धमकाया भी जा रहा है। लगातार मानक के अनुरूप खनन होने की वजह से नदी का पानी भी दूषित हो गया है। गांव के लोगों का कहना है कि हम सब नदी का पानी पीते हैं लेकिन अब नहीं पी पा रहे हैं। ग्रामीणों के सामने गर्मी के मौसम में अब पानी का भी संकट छाने लगा है। यदि हमारे द्वारा पानी नदी का पिया जाता है तो परिवार का सदस्य कोई ना कोई बीमार हो जाता है और यही वजह है कि अब ग्रामीण पानी के लिए भी परेशान हैं। सूत्रों की माने तो सूत्रों का कहना है कि खनन माफियाओं द्वारा कोई नियम का पालन नहीं किया जा रहा इस खंड में फर्जी तरीके से जो बागे नदी में नदी का दोहन का खेल चालू है। इसे नदी की धारा भी प्रभावित हो रही है खुलेआम प्रतिबंधित मशीनों का प्रयोग किया जा रहा है यहां तक कि यदि ग्रामीण आपत्ति जताते हैं तो उनको लाठी और बंदूक के नोक पर डराया धमकाया जाता है। यहां तक कि सैकड़ों की संख्या में ट्रक गुजरने की वजह से ग्रामीणों के घर आंगन धूल के गुब्बारों में भर जाते हैं। जिसकी वजह से ग्रामीण संक्रमण की बीमारियों से जूझने लगे हैं अब ग्रामीणों को दमा, टीबी जैसे बीमारियां लोगों को अपनी आगोश में ले रही हैं ।लेकिन जिम्मेदारों ने चुप्पी साधी हुई है। यहां तक की जिले में संचालित पहाड़ी स्थित बागे नदी में खनन विभाग के सारे आदेश पट्टा धारक द्वारा खनिज अधिकारी व प्रशासन व्यापार पर रौंदे जा रहे हैं। यहां तक कि पट्टा धारकों के द्वारा एनजीटी के नियम और प्रशासनिक शक्तियों को खुलेआम ठेंगा दिखाया जा रहा है और दबंगई के दम पर दिन-रात बिना किसी नियम के अवैध खनन का खेल जारी है। यंहा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों का भय भी खनिज माफियाओं को नहीं सता रहा है। दबंग खनिज माफिया के सामने जिला प्रशासन भी लाचार दिख रहा है। और यही वजह है कि ओवरलोडिंग के साथ एनजीटी के नियमों को ठेंगा दिखाकर नदी का दोहन जारी है। जबकि खनिज नियमावली के अनुसार ओवरलोडिंग और बिना रवन्ना के खदान से बालू के बिक्री की पूरी जिम्मेदारी पट्टा धारक की है। लेकिन इसके नियमावली में संशोधन करके सभी खनन पट्टा क्षेत्रों में हाई फ्रीक्वेंसी सीसीटीवी कैमरे लोडिंग वाहन प्रवेश और निकासी के साथ ओवरलोडिंग रोकने के लिए धर्म कांटे का प्रयोग करना अनिवार्य किया गया है। लेकिन यहां उसके विपरीत खनन पट्टा क्षेत्रों में जारी है। जहां खनन के नियमावली को खुलेआम ठेंगा दिखाया गया है। खनन पट्टा क्षेत्रों में ना तो सीसीटीवी कैमरे लगे हैं ना ही धर्मकांटे का उपयोग किया जा रहा है। जिससे प्रतीत होता है कि सिंहपुर के पहाड़ी खुर्द में फर्जी तरीके से अवैध खनन बागे नदी तक किया जा रहा है। जहां नदियों का दोहन खुलेआम जारी है तो वहीं सैकड़ों की संख्या में पहुंचे ट्रकों में ओवरलोडिंग के माध्यम से सरकार के राजस्व को लाखों रुपए का चूना लगाया जा रहा है। खदान संचालकों के द्वारा निर्धारित क्षेत्र से अलग मन मुताबिक तरीके से अवैध खनन का खेल खेला जा रहा है लेकिन जिला प्रशासन कार्रवाई की जगह हाथ में हाथ रख कर बैठा हुआ है।

 

*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव

*जनपद* चित्रकूट