उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) मऊ, चित्रकूट: ब्लाक के बरगढ पाठा क्षेत्र कहे जाने वाले ग्राम पंचायत कोटवा माफी, कटैया डॉडी, और ग्राम पंचायत जमिरा में 50 साल पहले पुराने बांध बनाए गए थे जिनमें पानी के कटाव को रोकने के लिए पिचिन और बडे-बडे पत्थर लगाए गए थे, जिन्हें कुछ स्थानीय पत्थर, बोल्डर के अवैध कारोबारियों द्वारा निकालकर बेच लिए गए। जिसकी सूचना पर सिंचाई विभाग के एई फूल सिंह द्वारा मौके पर माल वाहन और चोर पकडे गए थे। साथ ही पत्थर तोडते कुछ मजदूर भी मौके पर मिले जिसकी प्राथमिक सूचना रिपोर्ट थाना बरगढ को लिखित रूप से दी गई थी, लेकिन पुलिस को दिए गए प्रार्थना पत्र पर अभी तक रिपोर्ट दर्ज नही हो पाई ना ही दोबारा सिंचाई विभाग के अधिकारी द्वारा किसी उच्चाधिकारी को अवगत कराया गया।
बरसात के मौसम में बांध में लगे पिचिन के पत्थरों का निकाला जाना दर्जनों गांव के लिए खतरे की घंटी से कम नहीं है चोरी की इतनी बड़ी सरकारी लूट का मुकदमा पंजीकृत न होना पुलिस व संबंधित विभाग विभागीय अधिकारियों की संलिप्तता को दर्शाता है। जांच के नाम पर पूरे मामले को लंबित करना या तो राजनीतिक दबाव हो सकता है या फिर जिम्मेदार विभाग व पुलिस की मिलीभगत से मामले को दबाया और टरकाने की कोशिश की जा रही है सिंचाई विभाग द्वारा बरसात के पूर्व से पिचिन के पत्थर गायब हो जाने के बाद वैधानिक कार्यवाही पर जोर ना देना उनकी निष्ठा पर सवालिया निशान तो खडे करता ही है। साथ ही बरसात के दिनों में तटबंध के पत्थर निकाल कर बेंच लेना जनहित व सरकार दोनों के लिए चिंता का विषय है। अगर तेज बारिश और पानी के दबाव से तटबंधो की मिट्टी कटती है, तो गांव के गांव पानी के सैलाब से डूब सकते हैं। सिंचाई विभाग के जेई फोन रिसीव नहीं करते हैं और ना ही किसी प्रकार की जानकारी को साझा करना चाहते हैं। लगभग एक हफ्ता बीतने को है और अभी तक क्या कार्यवाही हुई और रिपोर्ट दर्ज हुई या नहीं, इसकी भी जानकारी अभी तक नहीं दी गई है। जिससे अवैध कारोबारियों और चोरों के हौसले बुलंद है। जनहित में स्थानीय किसानों ने नए जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक चित्रकूट से इस प्रकरण की जांच कराने और तटबंधो के कटान को रोकने हेतु उचित कदम उठाए जाने की मांग की है।
*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव
*जनपद* चित्रकूट
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