श्री राम जन्म होते लगने लगे जयकारे देवर्षि नारद द्वारा श्रापित होते हैं श्री हरि 

उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) जौनपुर (केराकत ) थानागद्दी बाजार पुराने चौराहे पर हो रहे श्रीराम लीला समिति थानागद्दी के तत्वाधान में गुरुवार की रात में 84वां व नौ दिवसीय मंचन के प्रथम दिन नारद मोह व रामजन्म का आयोजन किया गया ।जिसमें पात्रों ने पूरे मन से अपने अभिनय से दर्शकों देर रात तक बांधे रखा ।मंचन का शुरुआत देवराज इंद्र की चिंता से शुरू होता है ।देवर्षि नारद से मिलकर कामदेव द्वारा भगवान शिव की तपस्या भंग करने को कहते हैं क्योंकि राक्षसों का अत्याचार चरम सीमा पर हो गया था ।ऐसे में श्रीहरि का अवतार लेना आवश्यक हो गया। देवराज के कहने पर कामदेव को शिव के कोप का भाजन होना पड़ता है।और नारद के घमंड को तोड़ने के लिए श्री हरि ने रमा स्वयंवर का आयोजन के लिए देवराज को सलाह देते हैं ।जिसमें नारद भी पहुंचते हैं लेकिन नारद अपना बन्दर रूपी चेहरा नहीं देख पाते है।नारद मुनि स्वयंवर में हंसी के पात्र बनने पर विष्णु को ही दोषी मानते हुए उन्हें श्राप देते हैं। रामावतार में आपको भालू बंदरों का सहयोग लेना पड़ेगा। इस चरण में देवगण परमपिता ब्रह्मा व शिव की प्रार्थना पर श्री हरी का नया अवतार दशरथ महल में राम के रूप में होता है ।किलकारी होते ही श्री राम की जयकारा होने लगता है। उक्त मंचन में दशरथ के रूप में लालचंद चंद्र पाठक/ नाराद, भुवाल तिवारी -विष्णु, आशीष गुप्ता -रमा ,राजकुमार गौड़ -शिवगण प्रमुख ,वशिष्ठ- रमाकांत ,कल्लू मौर्य- अग्निदेव ,विजय सेठ ने कामदेव की भूमिका निभाई। रॉबिन पिंटू सहित दर्जनों बाल कलाकार की भूमिका में रहे।आयोजक मनोज पाठक मोहम्मद फारुख ,अशोक, असलम ,निर्देशन विजय मिश्रा संचालन संजय मिश्रा ने किया।

 

एडिटर अभिषेक शुक्ला जौनपुर