राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) चित्रकूट। अन्ना मवेशियों के नाम पर किसानों को गुमराह करने और मवेषियों पर बेरहमी दिखाने वालों पर अब प्रषासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। जिसके तहत बीते शनिवार को दर्जनों मवेषियों को बेरहमी से पीटकर जबरन तहसील के अन्दर घुसेडने वाले दो अपराधिक इतिहास रखने वाले अराजकतत्वों समेत सात लोगों के विरूद्ध मऊ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। जिसके बाद इलाके में हडकम्प मचा हुआ है।
जहां गांव वाले फसलों को लेकर अन्ना मवेशियों से परेशान हैं तो कुछ लोग परेशानी का फायदा उठाकर गांववालों को बरगला रहे हैं। ऐसे में आएदिन स्कूलों या किसी कार्यालय परिसर में मवेशियों को जबरन बंद करने के मामले भी सामने आते रहे हैं। शनिवार शाम मऊ तहसील के मौजा शेसा सुबकरा के मजरा शिवपुर के किसानों ने लगभग दो सौ अन्ना मवेशियों को खदेड़कर तहसील परिसर में बंद कर दिया था। एसडीएम तक सूचना पहुंचने के बाद नगर पंचायत कर्मचारियों से मवेशियों को बाहर कराया था। इस संबंध में तहसील के चैकीदार उमराज पुत्र मनराखन सिंह निवासी बरबा राजापुर एवं पीतांबर लाल पुत्र कोदूराम निवासी विहटा ने मऊ थाने में सात नामजद व छह-सात अज्ञात व्यक्तियों पर रिपोर्ट दर्ज कराई है। इनका कहना है कि ये लोग शनिवार शाम तहसील परिसर में लगभग सौ गायों का झुंड लेकर अंदर करने का प्रयास करने लगे। मना करने के बाद भी झुंड को लाठी-डंडों से बेरहमी से पीटकर अंदर कर दिया। इससे सरकारी काम में बाधा पहुंची और डर का माहौल बना। इसकी सूचना तहसीलदार राजेश कुमार यादव व नायब तहसीलदार घासीराम के साथ अधिशाषी अधिकारी भोलानाथ कुशवाहा को देने पर इनके निर्देशन में मवेशियों को परिसर से निकालकर संरक्षित किया गया। आरोपियों पर मऊ थाने में धारा 186, 336 भा. दं. सं. और पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम 1980 की धारा 11 के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है। बताया गया कि नामजद लोगों में से दो लोगों का पुराना आपराधिक इतिहास भी है और एक आरोपी तो सजा याफ्ता भी है। हालाकि इस मामले में षिवपुर निवासी दिलीप मिश्रा का कहना है कि वह घटना के समय नहीं थे।
*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव
*जनपद* चित्रकूट
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