राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) चित्रकूट: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद चित्रकूट की कर्वी इकाई के कार्यकर्ताओं द्वारा महाकवि सुब्रमण्यम भारती की जयंती को भारतीय भाषा दिवस के रूप में मनाया गया। एबीवीपी के कार्यकर्ताओं द्वारा जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय के छात्रावास में मातृभाषा में हस्ताक्षर अभियान चलाया। इस अवसर पर नगर अध्यक्ष डॉ सुनीता श्रीवास्तव ने कहा कि सुब्रह्मण्यम भारती तमिल कवि थे। जिनका जन्म 11 दिसंबर 1882 को हुआ था। सुब्रह्मण्यम भारती को ‘महाकवि भरतियार’ के नाम से भी जाना जाता है। सुब्रह्मण्यम भारती देशप्रेम की भावना से प्रेरित कविता लिखने के साथ-साथ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में शामिल सेनानी, समाज सुधारक एवं पत्रकार भी थे। उनकी रचनाओं से प्रभावित होकर दक्षिण भारत में लोग स्वाधीनता आन्दोलन में शामिल हुए। हिंदी साहित्य में उल्लेखनीय योगदान के लिए ‘केंद्रीय हिंदी संस्थान‘ द्वारा सुब्रह्मण्यम भारती के नाम पर ‘सुब्रह्मण्यम भारती पुरस्कार‘ दिया जाता है। सुब्रह्मण्यम भारती को हिंदी, बांग्ला. संस्कृत और अंग्रेजी भाषाओं का ज्ञान था तथा तमिल को सबसे मीठी बोली वाली भाषा मानते थे। उन्होंने अपने लेखन द्वारा एक नए युग में स्वतंत्रता और नारीवाद जैसे प्रासंगिक और जीवंत विषयों को प्राथमिकता दी। सुब्रह्मण्यम भारती ने अपनी 39 वर्ष की छोटी आयु में भारत की राजनीतिक मुक्ति और समाज के सुधार में महत्वपूर्ण योगदान दिया। सुब्रह्मण्यम भारती की कृतियों में एक भविष्यवक्ता, एक संत की धार्मिक समानता, एक देशभक्त के सपने और एक समाज सुधारक की महान आकांक्षाओं का समावेश था।
इस दौरान जिला प्रमुख डॉ. पवन त्रिपाठी, जिला संगठन मंत्री प्रखर मिश्रा, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य जान्हवी अवस्थी सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव
*जनपद* चित्रकूट
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