फ्राडो ने बैंक में फर्जी तरीके से क्रेडिट कार्ड के माध्यम से निकाल ली लाखों रुपए की राशि नोटिस मिलने पर किसान को लगी भनक

राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) चित्रकूट। एक ओर जहां सरकारें किसानों की आय दोगुना करने के लिए किसी तरह का कोई कसर नहीं छोड़ रही है तो वहीं दूसरी तरफ किसानों के लिए क्रेडिट कार्ड मुसीबत बनता जा रहा है। क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किसान के खाते से लाखों रुपए की राशि फर्जी तरीके से निकाल ली गई है लेकिन किसान को भनक तक नहीं लगी।सारा मामला कर्वी तहसील के ग्राम पहरा के मजरा भीषमपुर का है। जंहा किसान का फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार कर क्रेडिट कार्ड बनाया गया और किसान के खाते से तीन लाख इकतालीस हजार रुपये की राशि निकाल ली गई है।लेकिन किसान को बैंक में बने क्रेडिट कार्ड की भनक तक नही लगी है।

मामला ये है- भीषमपुर पहरा निवासी किसान रमजान(राजा) पुत्र शुबराती ने पुलिस अधीक्षक चित्रकूट को लिखित शिकायत पत्र देते हुए बताया कि प्रार्थी भी भीषमपुर का निवासी है किसान ने किसी भी प्रकार के लोन लेने के लिए तत्कालीन इलाहाबाद बैंक तरौहा कर्वी में किसान क्रेडिट कार्ड हेतु आवेदन नही दिया न ही किसान को किसी प्रकार की जानकारी है। इसके बाद भी किसान का बैंक मैनेजर व कैशियर से सांठगांठ करके फर्जी तरीके से किसान क्रेडिट कार्ड बनाकर पैसा निकाल लिया गया है। किसान ने बताया कि पहचानकर्ता मुकेश कुमार तथा संतोष कुमार द्वारा बैंक के विधिक सलाहकार कल्याण कुमार द्विवेदी द्वारा फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार करके प्रार्थी साहित्य प्रार्थी की मां पियरिया भाई रहमत के नाम से फर्जी किसान क्रेडिट कार्ड बनाकर ₹341000 की राशि निकाली गई है जिसकी जानकारी प्रार्थी को विधिक प्राधिकरण की 10 मार्च 2021 को नोटिस प्राप्त होने के बाद हुई प्रार्थी ने उक्त घटना की लिखित शिकायत थाना पर भी की व तहसील दिवस में भी दी लेकिन प्रार्थी की किसी भी तरह की कोई सुनवाई नहीं की गई तो प्रार्थी ने मजबूर होकर कोर्ट की शरण लिया। कोर्ट के आदेश पर आरोपियों के खिलाफ मामला तो दर्ज कर लिया गया लेकिन जिम्मेदार लोगों के द्वारा अभी तक विवेचना नहीं किया गया जिससे स्पष्ट होता है कि आरोपियों की पकड़ इतनी मजबूत है कि आज तक विवेचना नहीं हो पाई है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन दिनों किसान की आय दोगुना करने के लिए सरकार भले ही किसानों को क्रेडिट कार्ड आसानी से उपलब्ध करा रही हो लेकिन फर्जीवाड़े तरीके से अब किसानों की भूमि भी सुरक्षित नहीं है। दलालों के माध्यम से बैंक मैनेजर और कैशियर की मिलीभगत से किसानों के आसानी से क्रेडिट कार्ड बना दिए जा रहे हैं जिससे किसानों के लिए धोखाधड़ी के ऐसे मामले देखने को मिल रहे हैं वहीं अब देखने वाली बात यह होगी कि बैंक के ऐसे अधिकारियों पर आखिर कब जांच कर कार्रवाई होगी या फिर बैंकों में इसी तरह फर्जी तरीके से क्रेडिट कार्ड बनाकर किसानों के खाते से राशि निकालकर बंदरबांट होती रहेगी वहीं अब देखने वाली बात यह होगी कि कब तक पुलिस विवेचना कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करती है या फिर इसी तरह किसानों के खातों से राशि फर्जी तरीके से निकलती रहेगी और जिम्मेदार मूक दर्शक बने रहेंगे।

*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव
*जनपद* चित्रकूट