राष्ट्रीय दैनिक कर्मभूमि अंबेडकरनगर
अंबेडकर नगर भारतीय योग संस्थान (पंजी.) का 57वीं स्थापना दिवस योग साधना केंद्र राजकीय उद्यान अकबरपुर अंबेडकरनगर में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ भारतीय योग संस्थान के संस्थापक स्व. प्रकाश लाल के स्मृति चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ जी सी श्रीवास्तव व संचालक योग साधक संदीप श्रीवास्तव ने किया। मां सरस्वती की वंदना अंकिता श्रीवास्तव व वंदना के साथ सभी ने संयुक्त रूप से किया। योगाभ्यास के दौरान छोटे साधक अभय ने गहरे लम्बे श्वांस, ओम ध्वनि व गायत्री मंत्र के भावार्थ सहित कराते हुए मन मोह लिया। आसनों मैं राम केदार वर्मा ने ताड़ासन, कटिचक्रासन संतोष गौड़ ने त्रिकोणासन,कोणासन राजेंद्र यादव ने गत्यात्मक पश्चिमोत्तानासन संतोष सिंह ने उष्ट्रासन, सिंहगर्जनासन, तिर्यक भुजंगासन वाह संदीप श्रीवास्तव ने मर्कटासन स्वासन भ्रामरी व ध्यान केंद्रित का अभ्यास कराया। वक्ता के रूप में केंद्रप्रमुख राम केदार वर्मा ने भारतीय योग संस्थान का परिचय कराते हुए लक्ष्य एवं उद्देश्य पर प्रकाश डाला। संदीप श्रीवास्तव ने संस्थान के साहित्यिक एवं शोध पत्रिकाओं के बारे में विस्तार से बताया। विज्ञान भारती के जिला समन्वयक नीरज यादव जी ने भारतीय योग संस्थान के संस्थापक श्रद्धेय स्व.प्रकाश लाल जी के बारे में बताया कि वे ऐसे युगपुरुष थे जिन्होंने नि:शुल्क योग साधना केंद्रों के माध्यम से लाखों व्यक्तियों को स्वस्थ जीवन जीने का मार्ग दिखाया वह निष्काम कर्म करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि “सर्वे भवंतू सुखिन: सर्वे संतु निरामय:” व “वसुधैव कुटुंबकम”को अपना आदर्श बनाकर तथा *जीओ और जीवन दो* के सिद्धांत पर चलकर भारतीय संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन में लगा दिया। उन्होंने बताया कि बताया कि भारतीय योग संस्थान के संस्थापक ने योग जो केवल आश्रमों तक सीमित था से निकालकर घर घर पहुंचाने का भगीरथ प्रयास किया। वे अष्टांग योग साधक कर्मठता,सरलता,निश्छलता, निष्कपटता,विनम्रता,अडीगता,
निर्भीकता,अनथकता तथा जीवंतता के साकार प्रतिमूर्ति थे। नीरज यादव ने बताया स्वर्गीय श्रद्धेय प्रकाश लाल का अंतिम संदेश था कि आज हमारा समाज निष्प्राण दिखता है, कुछ करना नहीं चाहता दूसरा करें हमें करना ना पड़े ऐसी स्थिति दिखती है संस्थान ऐसे कार्यकर्ताओं का निर्माण करना चाहता है जो लेटे को बैठा दें बैठे को खड़ा कर दें और खड़े को दौड़ा दे। दूसरों में प्राण फूंक दे तथा प्रेरणा स्रोत बन जाए। कार्यक्रम के अंत में डॉ जी सी श्रीवास्तव ने सभी का धन्यवाद एवं आभार ज्ञापित किया तथा प्रसाद वितरित किया गया। योग साधना केंद्र में प्रमुख रूप से राधेश्याम यादव, रूद्र प्रताप राजभर, सुनील श्रीवास्तव, रमाशंकर यादव, संतोष सिंह,अक्षत,संतोष गौड़, अंकिता श्रीवास्तव, वंदना विनीता, श्रीवास्तव,कलावती,राम केदार वर्मा, आदि लोग संख्या उपस्थित रहे।
रिपोर्ट विमलेश विश्वकर्मा ब्यूरो चीफ अंबेडकर नगर
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