24 साल के विश्वास मलिक को मरा हुआ समझ कर मुर्दा घर मे रखा गया
उत्तर प्रदेश/राष्ट्रीय दैनिक कर्मभूमि/उड़ीसा में ट्रेन हादसा जब हुआ तो उसके पिता हेलाराम की सूझबूझ से बच्ची उसके बेटे की जान वो अभी जीवित है!
हेलाराम को जब पता चला कि जिस ट्रेन से उसका बेटा सफर कर रहा है, उस ट्रेन का एक्सीडेंट हो गया, तो वह फौरन अपने बेटे को फोन करता है!
बेटा बोलता है– “मैं जिंदा हूं पर ज़ख्मी हूं”
बेटे को लेने हेलाराम एम्बुलेंस लेकर दुर्घटना स्थल पहुंचता है!
उसका बेटा कहीं नही मिलता है!
लेकिन जब वह मुर्दाघर जाता है, तो देखता है, एक लाश में हरक़त हो रही है!
हेलाराम जब पास जा कर देखा तो वो हरकत करने वाली बॉडी उसके बेटे विश्वास की निकली!
पिता तुरंत अपने बेटे को अस्पताल मे भर्ती कराते है!
ऑपरेशन के बाद विश्वास खतरे से बाहर है!
सोचों यह कितनी बड़ी लापरवाही है!
पता नही और कितनों के साथ ऐसा हुआ हो?
इस ट्रेंन दुर्घटना मे 288 लोगों की मौत की बात सरकार की तरफ से कही गई है!
वहीं 1100 से अधिक लोग घायल है!
रिपोर्ट नेशनल हेड राजेश कुमार मौर्य उड़ीसा भारत
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