राष्ट्रीय (दैनिककर्म भूमि) कानपुर।शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत 6 से 14 वर्ष के समस्त बालक बालिकाओं को अनिवार्य तथा नि:शुल्क शिक्षा प्राप्त करना मूल अधिकार बन गया है। सामान्य बच्चों के साथ ही विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों पर विशेष ध्यान देकर उनको विकास की धारा से जोड़ना शिक्षक का कर्तव्य है।उक्त बातें ब्लाक कल्यानपुर बीआरसी में चल रहे पांच दिवसीय समेकित शिक्षण प्रशिक्षण के समापन में उपस्थित प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए खंड शिक्षा अधिकारी डॉ.अनिल कुमार सिंह ने कहा।उन्होंने कहा कि दिव्यांग बच्चों के अंदर बहुत सी प्रतिभाएं छिपी होती हैं।हम सब मिलकर इनकी प्रतिभा को निखार कर उन्हें आगे बढ़ने में मदद कर सकते हैं।मास्टर ट्रेनर राकेश शर्मा और दिलीप सिंह ने प्रशिक्षण में बौद्धिक दिव्यांगता, श्रवण बाधित,दृष्टिबाधित,लोविजन,चलन एवं निःशक्तता एवं सेरेब्रल पाल्सी की पहचान कर बच्चों को सहयोगी शिक्षण विधि पर विस्तार से जानकारी दी गई।इसके अलावा शिक्षकों को ब्रेल लिपि पठन, गणितीय पैमाना एवं साइन लैंग्वेज के बारे में भी जानकारी दी गयी।
संवाददाता आकाश चौधरी कानपुर
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