उत्तर प्रदेश( दैनिक कर्मभूमि )जौनपुर
जौनपुर। सिद्दीकपुर में बन रहे मेडिकल कालेज का नामकरण तो हो गया लेकिन निर्माण कार्य ठप पड़ा है। आज डीएम ने मौके पर जाकर औचक निरीक्षण किया तो वहां पर न तो एक मजदूर मिला न ही कार्यदायी संस्था के अधिकारी कर्मचारी। यह हालत देखकर जिलाधिकारी का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया। उन्होने तत्काल प्रोजक्ट मैनेजर के खिलाफ नोटिस जारी करने का आदेश दिया है।
घाटे में चल रही कताई मिल सिद्दीकपुर को बंद करके उसके स्थान पर राजकीय मेडिकल कालेज की अधारशीला तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 25 सितम्बर 214 को रखी थी। इसका निर्माण कार्य पूरा करके जुलाई 2017 से आपीडी चालू कराने व पढ़ाई लिखाई सन् 2018 लक्ष्य रखा गया था। लेकिन शासन प्रशासन की उदासीनता के चलते अखिलेश यादव के सपने को पंख नही लग पाया। 2017 चुनाव में सत्ता परिवर्तन होने के बाद प्रदेश की बागडोर बीजेपी के हाथो में आ गयी। बीजेपी सरकार ने इस मेडिकल कालेज का निर्माण कार्य पूरा करने की कई बार तारीख मुकर्रर किया लेकिन कार्यदायी संस्था के निक्कमे पन्न और अधिकारियों के उदासीन रवैये के कारण तारीख पर तारीख पड़ रही है। हाल ही में उत्तर प्रदेश शासन ने इसका नया नाम उमानाथ सिंह मेडिकल कालेज कर दिया। लेकिन निर्माण ठप पड़ा है। आज दिन में डीएम दिनेश कुमार सिंह सिंह कार्य की प्रगति का जायजा लेने मौके पर पहुंचे तो वहां पर सन्नाटा पसरा था। न मजदूर मिले न ही कार्यदायी संस्था के अधिकारी और कर्मचारी। यह हालत देखकर डीएम का तेवर तलख हो गया उन्होने मौके पर ही प्रोजेक्ट मैनेजर के खिलाफ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है।
रिपोर्ट अभिषेक शुक्ला
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