उत्तर प्रदेश (दैनिक कर्मभूमि)जौनपुर
जौनपुर! वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय एक बार फिर सुर्ख़ियों में है ,कारण कुलपति के जाने के अंतिम बेला में कुछ लोग एक बार फिर पूर्वांचल विश्वविद्यालय की साख को बट्टा लगाने हेतु सक्रिय हो गए हैं। ऐसे में अनुदानित महाविद्यालय/ विश्वविद्यालय अनुमोदित शिक्षक संघ, उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष डॉ विजय प्रताप तिवारी ने कहा है कि वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय शिराजेहिंद की सरजमीं पर स्थापित न केवल एक संस्थान है, बल्कि देश-विदेश में जौनपुर की एक विशेष पहचान भी है। अपने निहित स्वार्थ में पूर्वांचल विश्वविद्यालय की साख को बट्टा लगाने वालों को भगवान भी माफ नहीं करेगा। पूर्वांचल विश्वविद्यालय में शुरू से ही यह एक चलन रहा है कि परिसर के भीतर ही एक ऐसा काकस रहा है जो आने वाले अधिकारियों से पैठ बना कर काम लेता है, अपने हितों को साधता है और जब अधिकारी के जाने का वक्त होता है तो बाहरी तत्वों के साथ मिलकर सुनियोजित साजिश व षडयंत्र कर अनर्गल व बेबुनियाद आरोपों से न केवल अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है ,अपितु संस्थान की साख को भी बट्टा लगाता है। आज जब जनपद में इस बात की चर्चा होनी चाहिए थी कि पूर्वांचल विश्वविद्यालय को कैसे बचाया जाए? प्रदेशभर के राज्य विश्वविद्यालयों के परिसीमन व समान वित्तपोषण की मुहिम चलाई जाए। पूर्वांचल विश्वविद्यालय को बर्बाद करने के लिए सरकार ने जो अपनी आंख गड़ाई हुई है,पहले से ही गरीब विश्वविद्यालय के परिसीमन के पहले बंटवारे को रोकना व सरकार द्वारा इस विश्वविद्यालय से 100 करोड़ लेने की जुगत को नाकाम करना आदि मुद्दे यहां के प्रबुद्ध जनों की प्राथमिकता में होने चाहिए थे। कुलपति हर तीन साल में आते-जाते रहेंगे, लेकिन जो लोग इस संस्थान से पढ़कर निकले या फिर जो आज उसी परिसर में रहकर उसकी रोटी खा रहे हैं ,वही अपने छोटे-छोटे स्वार्थों में विश्वविद्यालय की साख को बट्टा लगाकर अपनी आने वाली पीढ़ियों का नुकसान कर रहे हैं। वर्तमान कुलपति प्रोफेसर राजाराम यादव ने अपने 3 वर्ष के कार्यकाल में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों के आयोजन, विश्वविद्यालय के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाते हुए शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों को जहां बढ़ावा दिया वहीं देश विदेश के सैकड़ों ख्याति लब्ध विद्वानों को विश्वविद्यालय में आमंत्रित कर तथा जॉब फेयर के माध्यम से मल्टीनेशनल कंपनियों को यहां बुलाकर विश्व विद्यालय और जनपद जौनपुर का नाम देश- दुनिया के कोने कोने तक पहुंचाया। बावजूद इसके अब जब उनका कार्यकाल खत्म हो रहा है तो एक बार फिर कुछ चिन्हित लोगों द्वारा उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। अब वक्त आ गया है कि जनपद जौनपुर के संवेदनशील व बुद्धिजीवी तबका इस तरह के लोगों को बेनकाब करे और जौनपुर की धरोहर को बर्बाद होने से रोकने हेतु एकजुट हों। शिक्षक संघ बहुत जल्द ही जनपद के तमाम समाजसेवियों, बुद्धिजीवियों व समाज शुभेच्छुओं के साथ बैठक कर पूर्वांचल विश्वविद्यालय को बचाने और सरकार द्वारा विश्वविद्यालय को बर्बाद करने की नियत से आजमगढ़ विश्वविद्यालय बनाने हेतु सौ करोड़ की, की जा रही मांग के खिलाफ मुहिम चलाएगा।
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