ब्लॉक रेसला की ओंनलाइन बैठक वार्ता में कई मुद्दों पर हुई चर्चा।

राजस्थान (दैनिक कर्मभूमि)  ब्लॉक रेसला की ओंनलाइन बैठक वार्ता में कई मुद्दों पर हुई चर्चा। मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के कार्यालयों से आरपी बनें ओर हटाए गए व्याख्याताओं को उनके मूल स्कूल में संशोधित आदेश निकाल लगाए जाने की मांग।*

*स्थानांतरण नीति को लेकर ब्लॉक प्राध्यापक संघ रेसला राज्य के माननीय राज्यपाल ओर मुख्यमंत्री,शिक्षा मंत्री और माध्यमिक शिक्षा निदेशक बीकानेर को ई मेल से भेजेगा पत्र ओर सन्देश।*

*व्याख्याता पदों पर डीपीसी से पूर्व करें स्थानांतरण,पिछले सत्र में ऑनलाइन लिए थे स्थानांतरण आवेदन पत्र,नही हुए इच्छित स्थानों पर व्याख्याताओं के तबादले। बारां छबड़ा छीपाबडौद राजस्थान प्राध्यापक संघ,ब्लॉक रेसला की कार्यकारिणी की रविवार को सदस्यों के बीच ओनलाइन कॉन्फ्रेंस वार्ता बैठक के साथ सोमवार को सीनियर विद्यालय में सोसियल डिस्टेन्स से बैठक हुई समपन्न।अध्यक्ष अशोक कुमार भार्गव,सचिव रामस्वरूप वर्मा,सदस्य बाबूलाल सुमन,राजमल भार्गव,ओम प्रकाश मीणा,राधाकिशन मीणा चम्पा लाल मीणा,सतीश सहरिया,रमेश चंद गुप्ता,चन्द्र प्रकाश,घनश्याम गालव,मोहन लाल शर्मा आदि ने लिया भाग।बैठक में सचिव रामस्वरूप वर्मा ने कहा कि राजस्थान के सभी ब्लाकों सहित बारां जिले के छबड़ा-छीपाबडौद में भी कई विद्यालय के शिक्षकों नें ग्रीष्मकालीन समय में कोरोना में ड्यूटी की है कई जिलों में उपखण्ड़ अधिकारी नें ग्रीष्म कालीन समय की एवज में पीएल देंनें के आदेश कर दिए गए परन्तु छबड़ा-छीपाबडौद में शैक्षिक संगठनों के ज्ञापन देंनें के बाद भी उपखण्ड़ कार्यालय से अभी तक कोई संतोष जनक उत्तर नही मिलना आश्चर्य है और अधिकारों और कर्तव्यों के बीच बड़ा अंतर इन ब्लॉक में रहता आया है जो आज भी कायम है विभाग और कार्यालय कोई भी हो काम शिक्षक ही आता है।बैठक में कोरोना काल में सरकार को ट्रांसफ़र पर भी विचार करना चाहिये जुलाई माह समाप्त होनें को हे अभी तक कोई नीति ही नही बनी वैसे ही पिछ्ले वर्ष में भी भ्रष्टाचार और सिफारिशों के चलते स्थानांतरण नही हुए।सत्र-2018-19 में राजस्थान के सभी मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में कामकाज के लिए शिक्षा संकुल जयपुर से समग्र शिक्षा में प्रथम श्रेणी व्याख्याताओं के आरपी के इंटरव्यू हुए थे जिसमें कुछ व्याख्याता अपने ब्लॉक की मदद ओर शिक्षा से समन्धित कार्यो में मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों के सहयोग के लिए अपने स्थान छोड़ प्रतिनियुक्ति पर गये थे,कुछ दिनों बाद राज्य में सत्ता परिवर्तन हो गया और एक ही रात में व्याख्याता से आरपी बने शिक्षा अधिकारियों को बिना पद स्थान मांगे अपने ब्लॉक से हटा दूसरे ब्लॉक के स्कूलों में स्थानांतरित कर लगा दिया गया राज्य सरकार के इस निर्णय की तत्कालीन समय सभी शिक्षा संगठनों ने आलोचना ओर नाराजगी भी प्रकट की गई थी परन्तु राज्य सरकार ने 1 वर्ष से अधिक समय निकल जाने के बाद भी संशोधन आदेश निकाल व्याख्याताओं को उनके मूल विद्यालय जहां से आये थे उसी विद्यालय के रिक्त पद पर नही लगाया गया जिससें आरपी बनें और फिर 6 माह बाद बिना कारण प्रतिनियुक्ति खारिज कर हटाये कार्मिकों ओर व्याख्याताओं में सरकार के रवैये के प्रति गहरी नाराजगी व्याप्त है।पिछले सत्र में राजस्थान के शिक्षा विभाग ने ट्रांसफ़र के लिए ओंनलाइन आवेदन भी लिए परन्तु सभी दिखावा साबित हुए,स्थानीय स्तर पर ब्लॉकों में सिफारिशों के चलते ओर राज्य के शिक्षा विभाग में आजादी के 70 वर्ष गुजर जाने के बाद भी सही स्थानांतरण नीति नही बनने ओर नही होने से ऐसे स्थानांतरण होते रहते है जिससे कर्तव्यनिष्ठ ओर काम में विश्वास करने वाले शिक्षा अधिकारीयों ओर कार्मिकों को अपने ही ब्लॉक में स्थानांतरण नही होने से पद रिक्त होते हुए भी काम करने का मौका नही मिलता ओर हर बार राज्य में गलत स्थानांतरण होते आ रहे है।संग़ठन इन सूचनाओं के साथ पिछले वर्ष आरपी पद पर आये और 6 माह बाद ही हटाए गए व्याख्याताओं को पुनः ब्लॉक में यथा स्थान लगाने हेतु संशोधित आदेश निकाल छोड़े गए मूल विद्यालय में ही लगा कर राहत प्रदान की जावे जिससे भविष्य में आरपी पदों पर व्याख्याता आ सकेगें यदि राज्यों की छदम राजनीति अपने कार्मिकों को ऐसे ही परिणाम देती रही तो कोई भी प्रतिनियुक्ति के इन पदों पर इन्टरव्यू देने ही नही जायेगा।संग़ठन मांग करता है कि अभी कोरोना काल चल रहा है विद्यालयों में शिक्षण बन्द है ऐसे समय राज्य सरकार द्वारा ऐसे प्रभावित व्याख्याताओं के प्रकरणों पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाना चाहिये ओर 31जुलाई तक नए व्याख्याताओं की डीपीसी से पूर्व,व्याख्याताओं के स्थानांतरण इच्छित स्थानों पर किये जावें ओर आरपी बन स्थान से हटे व्याख्याताओं को उनके मूल विद्यालय में नियुक्त कर राहत प्रदान की जावें।फोंन पर ब्लॉक ओर जिला मीडिया रेसला प्रभारी शंकर लाल नागर ने भी जिला के सदस्यों से रेसला के जिला और राज्य स्तर के पदाधिकारियों के ट्यूटर पर ट्यूट कर इस मांग को राज्य सरकार तक पहुंचाने की अपील की गई।रेसला मीडिया प्रभारी नागर ने कहा कि संग़ठन अपने कार्मिकों की वाजिब मांगो को एकता के साथ उठावे तो राज्य में भी शिक्षा व्यवस्था ठीक से संचालित हो सकेंगी।

 

रिपोर्टर कुलदीप सिंह सिरोहीया बारां छीपाबड़ौद