उत्तर प्रदेश ( दैनिक कर्मभूमि) प्रयागराज फुलपुर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी जीवनदायिनी कही जाने वाली 108 और 102 एडवांस लाइफ सपोर्ट ए, एल,एस एंबुलेंस है। जो कि प्रयागराज जनपद में कुल 96 एंबुलेंस हैं जिसमें 108 की 42 और ALS की 3 और 102 की 51 एंबुलेंस है। जिसमें लगभग 425 एंबुलेंस कर्मचारी कार्यरत हैं जिसमें 3 ALS एंबुलेंस सहित कुल 30 एंबुलेंस करोना से बचाव के कार्य में लगी हुई है। जिसमें ई एम टी और पायलट लगातार करो ना पॉजिटिव मरीजों की सूचना मिलते ही समय पर पूरी जिम्मेदारी से पहुंच जाते हैं। करोना महामारी में अपनी जान जोखिम में डाल महज पापी पेट
का सवाल वाली कहावत चरितार्थ हो रही है पीपीई किट से ढके हुए 108 एवं 102 एंबुलेंस कर्मी करोना संक्रमित को तेजी से उनके घरों से उठा कर सीधे कोविड-19अस्पताल तक पहुंचाते हैं। सबसे अहम बात तो यह है कि मरीज को उतारना चढ़ाना इन सभी को करना पड़ता है। कितने कर्मचारी संक्रमित होकर ठीक हो जाते हैं परंतु जान जोखिम में तो रहा ही करती है। अब तक इन एंबुलेंस कर्मियों ने 4384 मरीजों को मेडिकल सुविधा जान पर खेलकर उपलब्ध करा चुके हैं। लेकिन प्रदेश सरकार ने अभी तक 108 ,102 एंबुलेंस कर्मियों के परिजनों के लिए अभी
तक कोई पैकेज नहीं दे पाई। ना तो एंबुलेंस कर्मचारियों को जो कि अपनी जान की भी परवाह ना कर के मरीजों को जल्द से जल्द कोविड 19 अस्पताल पहुंचाते हैं उनको करोना योद्धा से सम्मानित नही किया गया। बंसीधर मिश्रा, राहुल दुबे, अशोक पाल, सुरजीत कुमार, अशोक गिरी, विवेक यादव, लक्ष्मीकांत, श्याम सलोनी, आदि ऐसे करोना योद्धा है जो दिन रात संक्रमितो की सेवा में जुटे हुए हैं। यह सभी एंबुलेंस कर्मी अपना घर द्वार परिजनों को भी छोड़े हुए हैं इनका केवल एक लक्ष्य ही लक्ष्य है कि करोना मरीजों को कितनी जल्दी से जल्दी अस्पताल पहुंचाया जाए
जिससे कि इन्हें इलाज जल्द मिल सके।
रिपोर्टर:-शिव बहादुर यादव प्रयागराज
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