गली-मोहल्लों में अवैध तरीके से संचालित हो रहे कोचिंग सेंटर को नहीं कार्रवाई का डर

उत्तर प्रदेश (दैनिक कर्मभूमि) अंबेडकर नगर। जिले सहित नगर में छोटे छोटे कमरो में शिक्षा का व्यापार किया जा रहा है। जिसमें सरकारी शिक्षक सहित प्रायवेट अप्रशिक्षित शिक्षक छात्रों को शिक्षा देकर मनमाने तरीके से पैसा वसूल रहे है।

खास बात है कि इन शिक्षण केन्द्रो का कही भी रजिस्ट्रेशन नही है। जिससे जीएसटी और टैक्स की चोरी भी की जा रही है। लेकिन शिक्षा विभाग के साथ ही प्रशासन द्वारा मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। अवैध तरीक से संचालित कोचिंग सेंटरों पर कार्रवाई करने की मांग को लेकर प्रशासन अपंग बनी हुई है प्रशासन किसी घटना का इंतजार करता नजर आ रहा है।
शहर की गली-मोहल्लों में कई अवैध कोचिंग संस्थान संचालित हो रहे है, कोई फर्राटेदार इंग्लिश सिखाने का दावा करता है, तो कोई आईएएस,आईपीएस क्वालीफाई कराने का। हालत यह है कि इन संस्थाओं द्वारा सभी प्रकार के कॉम्पटीशन क्वालीफाई कराने के दावे किए जाते हैं।
हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी की परीक्षा की तैयारी और कॉम्पटीशन कराने वाले कोचिंग की तहसील तिराहा रोडवेज शहजादपुर नई सड़क इंद्रलोक कॉलोनी तमसा मार्ग में भरमार सी हो गई है। यह कोचिंग संचालक मनमाने तरीके से छात्रों से फीस वसूल रहे हैं। लेकिन इन कोचिंग संचालकों के खिलाफ जिला प्रशासन अलर्ट नहीं है। शहर के रिहायशी क्षेत्रों में अधिकांश अवैध रूप से चल रहे कोचिंग सेंटर आम लोगों के लिए मुसीबत बन गए हैं। नगर के कुछ कोचिंग सेंटरों को छोड़ दे , तो किसी का भी पंजीयन नही है और न ही इन्हें खोलने के लिए कोई स्थान सुनिश्चित किया गया है।
कोचिंग सेंटर संचालकों द्वारा फीस तो मनमुताबिक ली जाती है। लेकिन इन सेंटरों में छात्र-छात्राओं द्वारा सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नसीब नहीं होता है। इन सेंटरों में न तो छात्राओं और न ही छात्रों के लिए टॉयलेट की कोई सुविधा होती है और न ही गल्र्स के लिए चैंजिंग जैसी कोई सुविधा। इसके अलावा पानी के लिए भी कोई सुविधा नहीं मिलती है।
एक अनुमान के अनुसार शहर में एक सैंकड़ा से भी अधिक कोचिंग सेंटर संचालित हो रहे हैं। शहर में केवल गिने चुने ही सेंटर वैध संचालित हैं। अन्य के पास रजिस्ट्रेशन तक भी नहीं है। रिहायशी क्षेत्र में पार्किंग एवं पर्याप्त जगह की व्यवस्था के बगैर संचालक कोचिंग सेंटर नहीं चला सकते। लेकिन कार्रवाई नहीं होने के कारण कोचिंग सेंटर के संचालक नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। छात्र मुख्य सड़क पर अपने वाहन खड़े कर देते है। इससे स्थानीय लोगों के अलावा राहगीरों को सड़क पर चलने में परेशानी हो रही है। यह संचालक अभिभावकों से मनमानी फीस वसूलते हैं। कोई भी शासकीय शिक्षक बच्चों को ट्यूशन नहीं पढ़ा सकता, लेकिन शहर के अधिकांश शासकीय शिक्षक अपने घरों पर बेधड़क ट्यूशन पढ़ा रहे हैं।
टैक्स की हो रही चोरी
कोचिंग सेंटरों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू है। लेकिन कोचिंग सेंटरों द्वारा छात्र-छात्राओं को फ ीस की पक्की रसीद नहीं दी जाती है। छात्रो से एक विषय के लिए 2 हजार से 4हजार तक वसूले जाते है। इनके द्वारा टैक्स की चोरी की जा रही है।

रिपोर्ट- विमलेश विश्वकर्मा अंबेडकर नगर