उत्तर प्रदेश( दैनिक कर्म भूमि)मिर्जापुर । इंजीनियरिंग विभाग में यह कैसी इंजीनियरिंग हो गई कि जिस देश के सर्वोच्च पद की गरिमा बढ़ा रहे राष्ट्रपति रामनाथ कोविद विराजमान हैं, उनके ही कार्यकाल में सबसे बड़े प्रदेश के सबसे पुराने लोक निर्माण विभाग में जिन आठ अधिशासी अभियन्ताओं को जबरिया विभाग से निकाला गया उसमें सात अनुसूचित जाति के है । इस कार्रवाई से तो पूरे प्रदेश की जनता में यह गलत संदेश जा रहा है कि इस वर्ग के लोग योग्य नहीं होते है। यह जो कार्रवाई की गई है, उसकी समीक्षा नए सिरे से किए जाने की जरूरत है वरना प्रदेश की विकास-योजनाओं पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।खबर है कि वर्ष 2017 में अयोग्य लोगों की लिस्ट बनाई गई थी, जिसमें 52 नाम थे । विलम्ब से कार्रवाई के चलते बहुतेरे सेवानिवृत्त हो गए या धरती से विदा होंगे।
रिपोर्ट राष्ट्रीय हेड राजेश कुमार मौर्य मिर्जापुर उत्तर प्रदेश
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