नवरात्री में कब रहे अष्टमी एवं नवमी का व्रत, कब खिलायें कन्या,कब करे हवन पूजन एवं कब तोड़े व्रत-ज्योतिषाचार्य डॉ0 त्रिलोकी नाथ

उत्तर प्रदेश( दैनिक कर्म भूमि) भारत मैं सप्तम कालरात्रि-23 अक्टूबर 2020 को कुछ पंचाग लगभग 7 बजे सुबह तक सप्तमी मान रहे है लेकिन ठाकुर प्रसाद के पंचाग के अनुसार सप्तमी 12 बजकर 9 मिनट तक रहेगी। उदयातिथि के अनुसार शुक्रवार को सप्तमी मानी जायेगी। 12 बजकर 9 मिनट पर अष्टमी प्रारम्भ होगी। जो 24 अक्टूबर दिन शनिवार को 11 बजकर 27 मिनट तक रहेगी। उदयातिथि के अनुसार शनिवार को ही अष्टमी तिथि निर्धारित हो रही है। इसी दिन 11 बजकर 27 मिनट से नवमी शुरु हो रही है। जो 25 अक्टूबर दिन रविवार को नवमी समाप्त होगी। जो व्रत रखना चाहे उनके लिये 24 अक्टूबर को अष्टमी का व्रत रखना सबसे उपर्युक्त रहेगा। 12 से पहले नवमी लग रही है। इसलिए चाहे तो अष्टमी नवमी दोनों का व्रत 24 अक्टूबर को लोग कर सकते है। जो अष्टमी में कन्या खिलाना चाहते है अष्टमी तिथि पूर्ण होने के बाद नवमी तिथि में कन्या खिला सकते है। क्योकिं नवमी तिथि शनिवार को 11 बजकर 30 मिनट तक लग जायेगी। नवदुर्गा का आवाहन किया जाता है इसलिए कन्या को नव देवियों का स्वरुप माना जाता है। अष्टमी में पारण या विदा नहीं किया जा सकता है।नवमी प्रारम्भ होते ही नव दुर्गा का प्रवेश हो जाता है इसलिए शनिवार को जो अष्टमी में कन्या खिलाना चाहे 12 बजे के बाद कन्या खिला सकते है या कन्या पूजन कर सकते है। जो लोग नौ दिन व्रत रहते है। वे रविवार 25 अक्टूबर को 11 बजकर 27 मिनट से पहले हवन, कन्या पूजा एवं देवी से सम्बन्धित संपूर्ण कार्य पूर्ण कर कर सकते है एवं व्रत तोड़ सकते है। यही देवी के प्रति सही समय में सच्ची आराधना होगी!

रिपोर्ट राष्ट्रीय हेड राजेश कुमार मौर्य उत्तर प्रदेश भारत