उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) फतेहपुर,11 मार्च 2021 उत्तर प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने विद्युत व्यवस्था को बेहतर ढंग से संचालित करने के लिए विभिन्न प्रकार की लाभकारी योजनाओं को लागू किया है जिससे इस योजना का लाभ आम उपभोक्ताओं से लेकर किसानों तक को पूरी तरह से मिले। सरकार द्वारा जारी की गई इस योजना का लाभ सभी को मिलना चाहिए और लाभकारी योजना का संदेश जन-जन तक पहुंचना चाहिए। ऊर्जा मंत्री के निर्देशों को पूरी तरह से लागू करने तथा सरकार की मंशा के अनुरूप कार्य किए जाने का पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के ईमानदार एम.डी सरोज कुमार के निर्देश पर प्रयागराज मंडल के मुख्य अभियंता ने सभी अधीक्षण अभियंताओं तथा अधिशाषी अभियंताओं को चेतावनी देते हुए कहा था कि आदेश प्राप्त होने के बाद कार्यालयों में काम कर रहे टी.जी.टू को तत्काल प्रभाव से पद मुक्त करते हुए उनके स्थान पर बाबुओं को नैतिक जिम्मेदारियां सौंपी जाए। इमानदार एम.डी बनारस के निर्देश पर तथा मुख्य अभियंता प्रयागराज मंडल की चेतावनी का पालन करते हुए प्रयागराज जनपद के मेजा तहसील के अधिशाषी अभियंता मनोज सिंह ने 9 फरवरी को कार्यालयों में कार्यरत सभी टी.जी.टू ओ को हटाकर उनके स्थान पर बाबुओं को सीटो के निर्वाहन की जिम्मेदारी सौंपी है इमानदार एम.डी बनारस के निर्देश का पालन बनारस मंडल के अलावा प्रयागराज मंडल के मेजा तहसील में प्रभावी होता नजर आने लगा है किंतु इस जनपद में एम.डी के आदेश को अधिशाषी अभियंता कचरा समझकर अपनी मनमानी हुकूमत को संचालित करने मे किसी प्रकार परहेज नहीं कर रहे हैं।सूबे के मुखिया का फरमान, ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा का बयान, एम.डी बनारस का निर्देश और प्रयागराज मंडल के मुख्य अभियंता की चेतावनी पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है। विद्युत वितरण खंड प्रथम में कार्यालय से लेकर सब डिवीजनो में लगभग 13 बाबू कार्यरत हैं और उसके बाद भी खंड प्रथम की मलाईदार सीटों पर टी.जी.टू अपने आका के निर्देश पर पूरी तरह से मालामाल हो रहे हैं। मालूम रहे कि ईमानदारी के धनी एम.डी बनारस के निर्देश पर प्रयागराज मंडल के मुख्य अभियंता ने बीती 5 फरवरी को चेतावनी भरा आदेश जारी करते हुए कार्यालयों से टी.जी.टू ओ की सेवा समाप्त करने का निर्देश दिया था किंतु आदेश के 5 दिन बीत जाने के बाद भी मुख्य अभियंता के आदेश का पालन नहीं किया गया है। विद्युत वितरण खंड प्रथम मे इस बात की पूरी तरह से चर्चा है कि अधिशासी अभियंता रामसनेही यादव ने अपने शीर्ष अधिकारियों को गुमराह करते हुए बाबुओं की कमी दिखाकर टी.जी.टू ओं से काम लिए जाने का जिक्र किया है। जबकि खंड प्रथम में कार्यरत बाबुओ को महत्वहीन पदों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह जनपद के इतिहास में पहली बार देखने को मिल रहा है। हैरत की बात तो यह है कि अधिशासी अभियंता ने ड्राफ्टमैन का काम जिस टी.जी.टू को सौंप रखा है वह पूरी तरह से नियम के विरुद्ध है किंतु यहां पर वही कहावत पूरी तरह से चरितार्थ हो रही है कि जब सैंया भए कोतवाल अब डर काहे का। ड्राफ्टमैन का काम या तो ड्राफ्टमैन देख सकता है या फिर अवर अभियंता लेकिन इस कार्यालय में भ्रष्टाचार के आगे सब जायज है।
रिपोर्टर सिद्धार्थ त्रिवेदी रायबरेली
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