उत्तर प्रदेश( दैनिक कर्म भूमि) जौनपुर
करोना के वर्तमान वेग मान प्रवाह को देखते हुए इसकी भयंकरता का अनुमान लगाया जा सकता है। पिछली वर्ष कही कही कोरोना पॉजिटिव मरीज के बारे में जानकारी प्राप्त होती थी तो उन वर्ष उसी क्षेत्र के परिधि में कॅरोना से हुई मृत्यु के बारे में जानकारी मिलती हैं। सामाजिक जीवन मे रहते हुए दुर्भाग्य बस यह मेरा प्रथम अनुभव है किकिसी महामारी से इतनी मृत्यु के बारे में सुना हो। जहाँ पिछले वर्ष मात्र 500 कॅरोना मरीजो के मिलने पर सरकार ने लोकडौन कर दिया था, इस वर्ष अभी तक सरकारी आंकड़े में 175000 से अभिक लोगो की मृत्यु हो चुकी है( सत्य तो उसे भी कई गुना ज्यादा मृत्यु हो चुकी है) सरकार चुनाव और अपने GDP के आंकड़ो को दुरुस्त करने मव लगी है, जबकि प्रधानमंत्री माननीय मोदी जी के फार्मूले को (जान है तो जहांन है) घ्यान में रखा जाय तो कॅरोना के चेन को तोड़ने के लिए कुछ दिनों का लोकडौन नितान्त आवश्यक हो जाता है।
सरकार के बड़े जिम्मेदार लोगों से बात करे तो वे बंगाल चुनाव को जीतने के बाद ही कुछ सोचने के लिए तैयार है। चाहे देश समाप्त हो जाय। तो क्या माना जाय कि रोम जलरहा था नीरो बंशी बजा रहा था कि कहानी एक बार भारत मे भी चरितार्थ हो रही है।।
नेशनल एडिटर अभिषेक शुक्ला
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