उत्तर प्रदेश (दैनिक कर्मभूमि)जौनपुर
जौनपुर।पूर्व मंत्री अरुण दूबे अपने फेसबुक एकाउंट पर खोलीं बदलापुर विधायक की पोल उन्होंने अपने फेसबुक पर बदलापुर के वास्तविक परेशानियों को अवगत कराया जहां इस पोस्ट को सैकड़ों लोगों ने सेयर किवया वहीं हजारों ने सहमति जताई और कमेंट मे लिखा भी इन परेशानियों से पूरा बदलापुर की जनता परेशान कितनों लिखा बदलापुर का फोन कभी नहीं उठता है उठता भी है तो चमचे उठा कर स्वयं को मंत्री समझ कर बात करते है विधायक से बात करना असंभव है उन्होंने अपने फेसबुक पर लिखते हुए दिखाया जलते हुए लाशों का एक चित्र मेढ़ा के इमलिया घाट की है। उन्होंने कहा प्रदेश की नाकाम और हताशा से भरी सरकार और भ्रष्ट एवं नकारा वर्तमान विधायक की अकर्मण्यता के चलते यहां चहुँओर चिताएं जल रही हैं। मरने वालों के परिजनों की चीत्कार को विधायक अनदेखा कर रहे हैं और जनता के शोक में उनके साथ दिखने के बजाय डिजिटल अवतार में एक तरफ़ा विवेकहीन बहुबात में लगे रहते हैं।
भ्रष्ट वर्तमान विधायक में मानवता बची हो तो रोज़ जितने लोगों की जान जा रही है उनकी सूची अपने सोशल मीडिया पर सच्चाई पूर्ण तरीक़े से जारी करें। जीते जी तो उनसे पलड़ा झाड़ लिए, कम से कम मरने के बाद उन्हें आँकड़ों में भी जगह ना दे कर दिवंगत आत्माओं को तो पीड़ा मत पहुँचाइये।
पहितियापुर गांव में पिछले 20 दिनों में दर्जनों मौतें होने की सूचना होते हुए भी स्वास्थ्य महकमा, प्रशासनिक व्यवस्था और स्वयं उगाही राज विधायक अभी भी पूरे विधानसभा में ग्रामीणों से ‘सोशल डिस्टेंस’ बनाए हुए है।
न कोई संवाद और न ही कोई समाधान किया जा रहा है। देवतुल्य जनमानस सम्पर्क करने की कोशिश करें तो नदारद विधायक के प्रतिनिधि ही फ़ोन पर आते हैं और स्वयं को मंत्री से कमतर नहीं समझ रहे हैं। जनता से सीधे मुंह बात तक नहीं करते।
देश, प्रदेश, जनपद सहित विधानसभा के व्यापारी पिछले एक साल से भी ज्यादा समय से कोरोना की मार को झेल रहे हैं। उन्हीं व्यापारियों से महामारी, आदि के नाम पर चंदा वसूलने और डकार जाने के बाद निष्ठुर विधायक जी को अब चंदा लेकर डकारने के लिए नए शिकार याद आ रहे हैं। ये भी अपने आला की भाँति झोला लेकर बाहर से आ कर प्रतिनिधि बन गए मगर अब इनके संगठित भ्रष्टाचार से झोला इतना भर गया है ही अपने गुर्गों के गुट के साथ ही झोला घसीटते हुए निकासी होगी इनकी।
एक ओर जहां व्यापारियों सहित समाज के सभी वर्ग से भाइयों-बहनों ने इस महामारी में बढ़-चढ़ कर जरूरतमंद लोगों की मदद की है, वहीं दूसरी ओर असंवेदनशील विधायक फेसबुक पर आकर पत्राचार, तर्कहीन बातें और लफ्फाजी करते हैं बस।
जो भी लोग मर रहे हैं ये सरकारी अव्यवस्था और प्रतिनिधि के निष्ठुरता के कारण ही अपनी जान गवाँ रहे हैं। सरकार लाखों करोड़ों कर वसूल कर और प्रतिनिधि करोड़ों के निधि और सत्ता पक्ष के साथ जो काम करने के लिए होते हैं वो कोई और नहीं कर सकता। वर्तमान विधायक के अमानवीय कृत ये स्पष्ट करते हैं की विधानसभा में रोज़ाना दर्जनों मृत्यु के वर्तमान विधायक, प्रशासन और सरकार हत्यारोपी माने जाने चाहिए।
इसी विधानसभा में असम्भव मानी जानी वाली २४ घंटे बिजली भी चलवायी थी हमने। सरकार और प्रतिनिधि चाहें तो अकल्पनीय चीजें भी सम्भव हैं। मगर आज निर्दोष जाने जा रही हैं फिर भी ये लोग दो चार फ़र्ज़ी घोषणाएँ कर हमारे समय के कार्यों को अपना बता कर जनता से मुँह फेरे हुए हैं। इनके पाप का घड़ा भर चुका है।
यह बात याद रखिएगा कि आने वाले दिनों में जनता की आंखों के आंसू और सीने का आक्रोश आपकी सत्ता को तिलांजलि देंगे।
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