*बेहतर समाज और राष्ट्र के निर्माण में युवाओं का सर्वाधिक योगदान*

उत्तर प्रदेश (दैनिक कर्मभूमि) जौनपुर युवा शक्ति देश और समाज की रीढ़ होती है। युवा देश और समाज को नए शिखर पर ले जाते हैं। युवा देश का वर्तमान हैं, तो भूतकाल और भविष्य के सेतु भी हैं। युवा देश और समाज के जीवन मूल्यों के प्रतीक हैं। युवा गहन ऊर्जा और उच्च महत्वाकांक्षाओं से भरे हुए होते हैं। उनकी आंखों में भविष्य के इंद्रधनुषी स्वप्न होते हैं। समाज को बेहतर बनाने और राष्ट्र के निर्माण में सर्वाधिक योगदान युवाओं का ही होता है। ‘मेरा भारत महान’ इस पंक्ति को सार्थक करने के लिए युवा पूरी तरह से प्रयासरत हैं। उत्तर प्रदेश के युवा बेहतर भविष्य के लिए मतदान के माध्यम से ईमानदार और विकासपरक सोच वाले प्रतिनिधि को चुनने और भ्रष्ट लोगों का सामाजिक दुत्कार को पहली सीढ़ी मान रहे हैं। समाज में तेजी से आ रहे बदलाव के प्रति बड़ी संख्या में युवाओं का नजरिया शार्टकट की बजाय कर्म और श्रम के माध्यम से सफलता प्राप्त करने की ओर होता जा रहा है।

पवन तनय मिश्रा ने कहा कि भविष्य युवाओं के हाथ में है।’मेरा भारत महान’पंक्तियों को सार्थक करने के लिए युवाओं को पहल करनी होगी। युवाओं को तभी मौका मिलेगा जब भ्रष्टाचार खत्म होगा। इसके लिए सबसे पहला उपाय चुनाव के माध्यम से ईमानदार और विकासोन्मुख व्यक्ति को चुनना है।
अरविन्द पांडेय जी ने कहा कि उनका सपना है कि भारत विश्व की सबसे बड़ी शक्ति बने। इसके लिए चाहिए कि अपने हर कार्य को ईमानदारी और निष्ठा से करें। औरों से अपेक्षा करने से पहले खुद इस पर अमल करें। सभी को समान अवसर मिलें और हर एक की मेहनत को सम्मान मिले।
विकास सिंह ने कहा कि वह चाहते है कि देश में सभी के पास उसकी योग्यता के अनुसार रोजगार हो, ताकि अपराध कम हो सके। उन्होंने कहा कि छात्राओं की शिक्षा पर अधिक ध्यान देना आवश्यक है। शिक्षित समाज ही देश के विकास की गति तीव्र करेगा। उन्होंने कहा कि युवाओं को भी अपने सपने पूरे करने के लिए ईमानदारी से अपने लक्ष्य को हासिल करने की कोशिश करनी होगी।
देवेश मिश्रा ने कहा कि स्वामी विवेकानंद की सोच किसी वर्ग विशेष को लेकर नहीं बल्कि समग्र विश्व को उत्थान की ओर ले जाना है। आज की बिगड़ती सामाजिक स्थिति में युवा पीढ़ी को उनके विचार आत्मसात करने की जरूरत है तभी युवा वर्ग समाज और देश को प्रगति की ओर ले जा सकेगा। युवा देश के कर्णधार हैं, अत: उन्हें यह जिम्मेदारी समझनी ही होगी।
राहुल सिंह कहते हैं कि आज विश्वभर में अधिकतर युवा बिलासिता और सुख-सुविधा को देखते हुए अपनी देश की जमीन को छोड़कर दूसरी जगह जा रहे हैं। जिससे राष्ट्र निर्माण में दिक्कतें आ रही हैं। युवा किसी भी राष्ट्र की शक्ति होते हैं और विशेषकर भारत जैसे महान राष्ट्र की उर्जा तो युवाओं में ही निहित है। हमें अपने देश की मिट्टी पर ही बिज़नेस शुरू करना चाहिए । जिससे हमारा क्षेत्र समृद्ध होगा, प्रदेश समृद्ध होगा ,देश समृद्ध होगा औऱ युवाओं को रोजगार भी मिलेगा
अमन सिंह कहते हैं कि अगर युवाओं का भारी संख्या में प्रवासन होता है तो इससे न केवल उस राष्ट्र की अक्षमता प्रदर्शित होती है। जो अपने नौजवानों को प्रयाप्त साधन नहीं दे सकता बल्कि इससे देश की विकास का सशक्त आधार भी समाप्त हो जाता है। युवाओं के लिए अपने देश में भी काफी रोजगार हैं। बस मेहनत से अपनी मंजिल की ओर बढ़ना चाहिए।
वन्देमातरम ,जय हिंद ,जय भारत

रिपोर्ट अभिषेक शुक्ला जौनपुर