पत्रकारों को पत्रकार नहीं समझते अंबेडकर नगर के ऊची पहुंच रखने वाले कुछ पुलिस अधिकारी खबर पूछने तिलमिल जाते हैं पत्रकार को ही दे डालते हैं झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी

राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) अंबेडकर नगर

जी हां मामला अंबेडकर नगर के हंसवर थाना का है थाना अध्यक्ष माननीय प्रदीप सिंह जी का अपने आप में बहुत ऊंची पहुंच रखने वाले थानाध्यक्ष जी पीडितों का मामला सुनने से इनकार करते है।यहां तक कि पत्रकारों को भी धमकी दे डालते हैं अपनी बहुत ऊंची पहुंच का फायदा उठाकर बेचारे पत्रकार करें तो क्या करें।सूत्रों से प्राप्त खबर के अनुसार पत्रकार परिवार को मारा पीटा भी गया विपक्षियों से परेशान होकर पत्रकार रमेश विश्वकर्मा की पत्नी ने थाने पर धरना देने का कार्य किया और अपने परिवार की सुरक्षा की मांग की । इसके बाद थाना अध्यक्ष हंसवर ने समझौता कराया यह समझौता केवल मामले को टालने के कारण थानाध्यक्ष ने करवाया था उसी के कुछ दिन बाद मामला ठंडा होने के बाद विपक्षी को पुन: समझौता नहीं करने देते है। पत्रकार परिवार डरा एवं सहमा हुआ है आज उसी जमीन पर पुनः विपक्षी पक्ष के दर्जनों लोग उसके खानदान के लोग इकट्ठा होकर जबरन टीन सेट रखने लगे बाद में दिल मिलाए थाना अध्यक्ष ने इस बात को कुबूल किया कि जो जहां निर्माण कर रहे हैं वह सही है इससे यह साबित होता है यह इन्हीं के सह पर हो रहा है इस बात की खबर की जानकारी लेने के लिए एक न्यूज़ चैनल के पत्रकार जब इसके बारे में सत्यता जानना चाहा तो उन्होंने एसडीएम के यहां जाने की बात कहकर मामले को टाल दी जब पत्रकारों को यह बात पता चली इस थाने में पत्रकार का कुछ नहीं होने वाला है कुछ पत्रकारों ने इस मामले को शासन और प्रशासन को अवगत करने का काम किया इस पर तिल मिलाएं थाना अध्यक्ष हंसवर ने पत्रकार के ऊपर कार्रवाई की बात कह धमकी दे डाली सबसे बड़ा सवाल यह है आखिर कहां गया सुप्रीम कोर्ट का आदेश सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार माननीय प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के निर्देशन के क्रम में पत्रकारों को धमकी देने वालों को 24 घंटे के अंदर जेल भेजा जाएगा आसानी से जमानत भी नहीं मिलेगी जुर्माने की राशि 50,000जमा करनी पड़ेगी , ऐसा आदेश पारित हुआ।क्या यह आदेश सिर्फ जनता पर ही लागू होता है कानून के रक्षको पर नहीं लागू होता लेकिन यदि कानून का रक्षक ही कानून का भक्षक बन जाए तो इन पत्रकारों को सुरक्षा कैसे मिलेगी?पत्रकार समाज को एक सही आइना दिखाने का काम करता है।आए दिन पत्रकारों के साथ ऐसा सलूक होता रहता है तो आम जनता का क्या होता होगा।अपनी नौकरी के अहंकार में जनता से पत्रकारों से कैसे बात करना चाहिए लहजा भूल जाते हैं अब देखना है हंसवर थाने पर तैनात उच्च पहुंच वाले थानाध्यक्ष के ऊपर कारवाई होती भी है या नही…अभी कुछ दिन पहले अकबरपुर में कवरेज करने गए पत्रकारों के साथ अभद्रता की गई थी।इस घटना का ना कप्तान ने घटना का संज्ञान लिया ना अभी प्रदेश के मुखिया की तरफ से प्रदेश के मुखिया और डीजीपी की तरफ से कोई कार्रवाई हुई।अंबेडकरनगर जनपद में कानून व्यवस्था एकदम ध्वस्त हो चुकी हैं,कुछ पुलिस वाले लॉक डाउन का फायदा उठाते हुए अवैध वसूली में लिप्त है।जहां योगी सरकार पुलिस की छवि को सुधारने की कोशिश कर रही हैं वहीं कुछ पुलिसकर्मी सरकार के इन मंसूबों को ठेंगा दिखा रहें हैं।

रिपोर्ट-विमलेश विश्वकर्मा ब्यूरो चीफ अंबेडकरनगर