उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) बहराइच जनपद के नानपारा क्षेत्र में पत्रकारों और उनके परिजनों का उत्पीड़न रुकने का नाम नहीं ले रहा है ज्ञात हो कि पूर्व पुलिस अधीक्षक डॉ विपिन कुमार मिश्रा जब तक बहराइच में तैनात रहे तब तक पत्रकारों को गुटों में कर दिया था उनके स्थान्तरण के बाद महिला पुलिस अधीक्षक श्रीमती सुजाता सिंह ने ज़िले के पुलिस की कमान संभाली तो पहली प्रेस वार्ता में उन्होंने पत्रकारों को एक बराबर समझने और सम्मान देने का एलान किया था मगर उनका एलान सिर्फ हवा हवाई साबित हुआ जनपद के हर थाना क्षेत्र में प्रतिदिन पत्रकार उत्पीड़न का मामला प्रकाश में आता है मगर पत्रकारों की कोई भी सुनवाई नहीं होती है ताज़ा मामला जनपद के कोतवाली क्षेत्र नानपारा का सामने आया है जहां पर फल यूनियन के अध्यक्ष और इंडियन रिपोर्ट्स एसोसिएशन अंतरराष्ट्रीय के प्रदेश अध्यक्ष राशिद अली के पिता हाजी लियाकत अली के विरुद्ध एक व्यक्ति ने फर्जी तहरीर दे दी पुलिस को जानकारी होई कि पत्रकार के पिता हैं तो तत्काल मुकदमा दर्ज कर दिया गया और दो आरक्षी उनको पकड़ने पहुँच गए और तमाम अभद्रता की और 10 हज़ार रुपये की मांग की न दिए जाने पर देख लेने की धमकी दी गई इसी प्रकरण में जांच अधिकारी दरोगा अनुज त्रिपाठी एक दिन ईरा प्रदेश अध्यक्ष के पिता के पास पहुँचे और पुलिसिया रुआब ग़ालिब करते हुए 20 हज़ार रुपये वसूल कर चले गए जब ईरा प्रदेश अध्यक्ष राशिद अली को इसकी जानकारी होई तो उन्होंने पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस अधीक्षक के व्हाट्सएप पर शिकायत की मगर संज्ञान नहीं लिया गया तो ईरा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल पर इसकी शिकायत दर्ज कराई जांच सीओ नानपारा को दी गई तभी ईरा अध्यक्ष को जानकारी हो गई थी कि फर्जी रिपोर्ट ही लगेगी क्योंकि इससे पूर्व भी कई बार जब कोई प्रकरण सीओ नानपारा को जांच के लिए मिला है उसमें फर्जी ही रिपोर्ट लगी है और इस प्रकरण में फर्जी आख्या लगाने वाले मास्टर सीओ नानपारा ने फर्जी रिपोर्ट लगाकर खानापूर्ति कर ली गई है ईरा प्रदेश अध्यक्ष राशिद अली ने कहा कि पत्रकार उत्पीड़न के मामले में सीओ नानपारा हमेशा ही फर्जी आख्या लगाकर दोषियों को बचाने का कार्य करते हैं श्री अली ने कहा कि जब सीओ स्तर का अफसर फर्जी रिपोर्ट लगाएंगे तो पत्रकार उत्पीड़न कैसे रुक सकता है कोतवाली क्षेत्र का कोई भी पुलिस कर्मी पत्रकार का उत्पीड़न करता है तो उसे पता है कि साहब तो बैठे ही हैं रिपोर्ट लगाने के लिए इस प्रकरण से पत्रकारों में भारी रोष है ।
ब्यूरो रिपोर्टर अश्वनी कुमार श्रीवास्तव जनपद चित्रकूट
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