राष्ट्रीय स्नातक महासंघ मुख्यमंत्री से वित्तविहीन शिक्षकों/शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को कोरोना महामारी में राहत मानदेय देने की मांग

उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) कानपुर।राष्ट्रीय स्नातक संघ के क्षेत्रीय अध्यक्ष संतोष तिवारी ने जानकारी देते हुए कहा कि करोना काल में लगभग 2 वर्ष से बंद चल रहे वित्त विहीन माध्यमिक विद्यालयों में कार्य कर रहे शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की स्थिति वेतन ना मिलने से अत्यंत दयनीय हो गई है स्थिति यह आ गई है कि शिक्षक अपने परिवार व स्वयं के पेट पालने को रिक्शा चलाने तक मजबूर हैं यह अत्यंत ही निराशाजनक स्थिति है इस संबंध में स्नातक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश पाण्डेय ने मा. मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर बताया है कि पूरे प्रदेश में कोरोना के कारण करीब 2 साल से वित्तविहीन विद्यालय बंद है। इस वजह से विद्यालाओं में शुल्क प्राप्त नहीं हो रहा है फिर भी कई विद्यालय के प्रबंधकों ने शिक्षकों की सैलरी दी लेकिन विद्यालयों को शुल्क प्राप्त न होने की वजह से अब प्रबंधक भी सैलरी नहीं दे पा रहे है। उत्तर प्रदेश की सरकार ने कोरोना की महामारी में महिला मजदूर किसान , गरीब हर वर्ग का आर्थिक सहयोग किया लेकिन इस महामारी में जो सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ वो वित्तविहीन शिक्षक है जो पूरे समाज में शिक्षा की ज्योति जलाने का कार्य करते है। अपनी डिग्री प्राप्त करने के लिए लोखों रूपये व् समय खर्च करते है उसके बाद एक शिक्षक बन पाता है।जो आज भीषण मानसिक एवं आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं जिसकी वजह से इनकी व् इनके आश्रितों की स्थिति बेहद दयनीय हो गई है।ऐसे में अखिल भारतीय राष्ट्रीय स्नातक संघ का सुझाव है कि ऐसे वित्तविहीन शिक्षक जो बीएड/बीटीसी/स्नातक हैं| उनको चिन्निहित कर जबतक विद्यालय नहीं खुलते है उनको प्रत्येक महीने कुशल कोरोना राहत पैकज का मानदेय दिया जाय व इस सम्बंध में सरकार सहानुभूति दिखाते हुये इस संबंध में शासनादेश जारी किया जाय।

संवाददाता आकाश चौधरी कानपुर