राष्ट्रीय दैनिक कर्मभूमि अम्बेडकर नगर
राजकीय मेडिकल कालेज के डाक्टरों ने आठ वर्षीय बच्चे के शरीर में बाईं तरफ मौजूद हार्निया का आपरेशन करने के बजाय पेट के दाहिने हिस्से में चीर फाड़ कर कई दिनों तक भर्ती रखने के बाद घर भेज दिया। रोग जस का तस बना रहने पर परिवारजन ने इसकी शिकायत की तो मेडिकल कालेज प्रशासन उनकी जुबान बंद कराने में जुट गया। डाक्टर, बच्चे के घर वालों से कह रहे हैं कि शिकायत करने का कोई फायदा नहीं। गलती हो गई है, कुछ दिन बाद सही आपरेशन कर दिया जाएगा। अस्पताल प्रशासन इस पर चुप्पी साधे हुए है। पीड़ित परिवारजन ने जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई है।अकबरपुर के समोखपुर गांव के दिवाकर शुक्ल ने आठ साल के अपने ममेरे भाई विनम्र मिश्र को मेडिकल कालेज सद्दरपुर में 12 मार्च को ओपीडी में डा. ज्ञान प्रकाश वर्मा को दिखाया। डाक्टर ने हार्निया की बीमारी बता जांच कराने के साथ कुछ दवाएं देकर 24 मार्च को भर्ती होने के लिए कहा। परिवारजन ने 24 मार्च को विनम्र को यहां भर्ती कराया और इसके अगले दिन 25 मार्च को डाक्टरों ने आपरेशन कर दिया। बच्चे को पूरे छह दिन भर्ती रखने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया। परिवारजन उसे लेकर घर पहुंचे, लेकिन समस्या पूर्व की तरह ही बनी रही। चार अप्रैल को जब टांका कटवाने के लिए मेडिकल कालेज आए तो यहां दूसरे डाक्टर ने बताया कि हार्निया तो बाईं तरफ है और आपरेशन दाहिनी तरफ कर दिया गया है। यह सुन परिवारजन के होश उड़ गए। दिवाकर ने सबसे पहले इसकी शिकायत प्राचार्य डा. संदीप कौशिक से की। उन्होंने विभागाध्यक्ष डा. जहीर से इस संबंध में पूछताछ की। शिकायत सही मिलने पर वह बगले झांकते नजर आए। अपनी गलती का एहसास होने पर पीड़ित परिवार से बातचीत में डा. जहीर ने कहा कि हो सकता है रिपोर्ट में गड़बड़ी रही हो। अब बाईं तरफ आपरेशन कर दिया जाएगा। पीड़ित ने जांच रिपोर्ट मांगी, जिसे देने से इनकार कर दिया गया। मेडिकल कालेज प्रशासन ने इसकी जांच कराने के बजाय पूरे मामले पर पर्दा डालने की कोशिश शुरू कर दी। पीड़ित पक्ष पर कहीं शिकायत न करने का दबाव बनाया जा रहा है। लेकिन, अब यह मामला जिलाधिकारी की चौखट तक पहुंच चुका है। सीएमओ डा. श्रीकांत शर्मा ने बताया कि मेडिकल कालेज के मामले में प्राचार्य ही देखते हैं। फिलहाल जिलाधिकारी के निर्देश पर जांच कराई जाएगी।
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