उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) चित्रकूट।जिला के खंड विकास कर्वी के ग्रामपंचायत में खुलेआम स्वच्छता अभियान की धज्जियां उड़ा रही है। लेकिन जिले का जिम्मेदार अधिकारी मूक दर्शक बना नजर आ रहा है। सारा मामला अकबरपुर ग्राम पंचायत के भरतकूप कस्बे का है जहां इन दिनों गंदगी के बीच लोगों को अपना जीवन गुजारने के लिए विवश होना पड़ रहा है एक और जहां सड़क के किनारे भरी नालियां मच्छरों को जन्म दे रही हैं और लोग टाइफाइड, मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं तो दूसरी तरफ स्वच्छता अभियान की खुलेआम धज्जियां चौक चौराहा में भी उड़ रही हैं। भले ही भारत सरकार स्वच्छता अभियान को लेकर लाखों रुपए खर्च कर रही हो लेकिन जमीनी हकीकत क्या है यह भरतकूप कस्बा में घूमने के बाद ही पता चल सकता है। लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी लोग आज भी गंदगी व कचरों व जगह बह रही नालियों के बीच जीवन गुजार रहे है। बताया जा रहा है कि अभी कुछ दिन पहले भरतकूप बस स्टैंड के समीप सार्वजनिक महिला व पुरुष मूत्रालय का निर्माण ग्राम पंचायत के द्वारा कराया गया था लेकिन मूत्रालय में नल की टोटी तो देखने के लिए लगा दी गई है लेकिन आज तक एक बूंद पानी की सप्लाई नहीं की गई है जिसकी वजह से मूत्रालय का अब गंदगी की वजह से उपयोग नहीं कर पा रहे और खुले में करने को मजबूर हो रहे हैं बस स्टैंड में मूत्रालय इसलिए बनाया गया था की महिला व पुरुष जो जो दूसरे जगह से आते हैं वह इसका उपयोग कर सकें। लेकिन यह सिर्फ सपना बनकर रह गया है।
ग्राम पंचायत ने मूत्रालय निर्माण पर की धांधली- स्थानीय लोगों का कहना है कि ग्राम पंचायत के द्वारा बनाए गए मूत्रालय में धांधली की गई है और यही वजह है कि मूत्रालय में सिर्फ नल की टोटी लगाकर भ्रष्टाचार किया गया है यदि सप्लाई दिया गया होता तो आज मूत्रालय लोग उपयोग कर पाते।गंदगी की वजह से नजदीक के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। भरतकूप कस्बा निवासियों का कहना है कि मूत्रालय सहित भरतकूप में गंदगी का आलम है जिसकी वजह से भरतकूप निवासी परेशान हो रहे हैं इसकी सूचना भी ग्राम पंचायत को सफाई के लिए कई बार दी गई लेकिन ग्राम पंचायत का ध्यान इस ओर नहीं है
डीएम के निर्देश का भी नहीं हो रहा पालन- चित्रकूट जिला अधिकारी के द्वारा स्वच्छता अभियान के लिए लगातार ग्राम पंचायत के उच्च अधिकारियों को निर्देशित किया जा रहा है कि स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाए लेकिन जिला अधिकारी के निर्देशों का सिर्फ कागजों तक ही पालन किया जा रहा है जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है कि जिलाधिकारी के निर्देशों का ग्राम पंचायत विभाग को कोई फर्क नहीं पड़ रहा और यही वजह है कि जिले में स्वच्छता अभियान की खुलेआम धज्जियां उड़ रही हैं वही देखना अब यह है कि स्वच्छता अभियान को मजाक बनाने वाले ग्राम पंचायत अधिकारियों पर जांच कर क्या कार्रवाई की जाएगी या फिर स्वच्छता अभियान की इसी तरह धज्जियां उड़ती रहेगी और भारत सरकार के सपने अधूरे रह जाएंगे।
*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव
*जनपद* चित्रकूट
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