उत्तरप्रदेश (दैनिक कर्मभूमि) ज्ञानपुर भदोही । जनपद के अधिकांश थानों में पुलिस कस्टडी में आने वाले वाहनों को खुले आसमान के नीचे सड़ने के लिए छोड़ दिया जाता है। वहीं वाहनों के मालिकों को कानूनी दांवपेच बताकर सालों-साल सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगवाए जा रहे हैं। जिसके चलते हजारों वाहन बेवजह सड़ रहे हैं। यह सभी वाहन चोरी अथवा सड़क हादसे के दौरान जब्त किए जाने वाले हैं । शासनादेश के बावजूद भी इन वाहनों की नीलामी तक नहीं कराई जाती है । जिसके चलते हर वर्ष करोड़ों रुपए के वाहन बेवजह बर्बाद हो रहे हैं ।
बताते चलें कि एक ओर जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के समस्त थानाध्यक्षों सहित सरकारी कार्यालयों में स्वच्छता कायम रखने के लिए फरमान जारी किया है । वहीं दूसरी ओर पुलिस प्रशासन की लापरवाही और उदासीनता के चलते थानों में हजारों वाहन बेवजह सड़ रहे हैं । जिले के लगभग सभी थानों में भारी संख्या में बाइकें और अन्य छोटे-बड़े वाहन वर्षों से सड़कर बर्बाद हो रहे हैं। सभी वाहन चोरी, जब्त, सीज ,चालान , सड़क हादसेे के दौरान जब्त होने वाले हैं । वाहनों की रिकवरी के लिए जब किसी वाहन स्वामी द्वारा कोशिश की जाती है। तो उन्हें कानूनी दांव पर बताकर बार-बार सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगवाए जाते हैं जिसके चलते हर वर्ष हजारों की संख्या में वाहन व्यवस्था बर्बाद हो रहे हैं । वहीं पुलिस प्रशासन द्वारा जप्त किए गए वाहनों को खुले आसमान के लिए ही सड़ने के लिए रख दिया जाता है।
सूत्रों के मुताबिक थानों में पड़ी बाइकों अन्य वाहनों की बैटरी और कीमती पुर्जे गायब हो चुके हैं ऐसा लगता है कि थानों में आने वाले वाहनों को पुलिस कर्मियों द्वारा उनके कीमती पुर्जों को खोलकर बेच दिया जाता है । जिले के लगभग सभी थानो में से कई हजार से अधिक वाहन बेवजह सड़ रहे हैं। ग्रामीण इलाकों की अपेक्षा नगरीय क्षेत्रों में पड़़ने वाले,सदर कोतवाली ज्ञांनपुर के अलावा ऊंज, गोपीगंज, भदोही , औराई ,सुरियावां बाजार सहित कुछ पुलिस चौकियों में लावारिस वाहनों की संख्या काफी अधिक है। इंन थानों में जब्त किए जाने वाले अधिकांश वाहन बाइक और कार शामिल है । इसके अलावा अन्य वाहनों की संख्या भी कम नहीं है। इन वाहनों को सड़ने की वजह से करोड़ों रुपए बेवजह बर्बाद हो रहे हैं। लेकिन इस ओर किसी का भी ध्यान नहीं जा रहा है। शासनादेश के बाद भी ऐसे वाहनों की नीलामी नहीं की जा रही है । यदि ऐसे वाहनों की नीलामी कराई जाए तो जहां ऐसे वाहनों को पुनः उपयोग में लाया जा सकेगा , वहीं से लाखों रुपयों का राजस्व प्राप्त होगा । लेकिन पुलिस प्रशासन की लापरवाही एवं उदासीनता के चलते हजारों वाहन बर्बाद हो रहे हैं ।
गौरतलब है कि सड़क हादसे अथवा चोरी में बरामद वाहनों की बकाया लिस्ट बनाकर जिलेवार थानों में सूचना देने का प्रावधान किया गया है। लेकिन पुलिसकर्मियों की लचर कार्यशैली के चलते इन वाहनों के विषय में कोई भी जानकारी प्रकाश में नहीं आ पा रही है । जिन लोगों के वाहन चोरी हो जाते हैं वे तत्काल संबंधित थानों में रिपोर्ट करा देते हैं और अपने वाहन की खोजबीन के लिए सैकड़ों बार थानों के चक्कर भी लगाते हैं । लेकिन पुलिस के कब्जे में आने वाले वाहनों का न ही डाटा तैयार किया जाता है और न ही अन्य थानों में सूचना ही दी जाती है ।थानों में पड़े सड़ रहे वाहनों की बैटरी, टूल बाक्स , इंजन पार्ट्स , हेड लाइट , म्यूजिक- सिस्टम चक्के व सीटकवर आदि तत्काल निकाल लिया जाना आम हो गया है। अधिकांश वाहन मालिकों द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि उनके वाहनों से कीमती कल पुर्जे गायब हैं।
रिपोर्ट – कृष्ण कुमार उपाध्याय भदोही
You must be logged in to post a comment.