गायत्री शक्ति पीठ में रहती है नित्य तर्पण पिण्ड दान की व्यवस्था

उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) चित्रकूट: पितृ पक्ष में पितरों की तृप्ति के लिए सरल वैदिक विधान के अनुसार नित्य तर्पण पिंड दान की व्यवस्था रहती है कोई भी लाभ ले सकते हैं।

गायत्री शक्तिपीठ के संचालक डॉ रामनारायण त्रिपाठी बताते हैं कि पितर हमारे अदृश्य सहायक होते है, उनकी कृपा के बिना हमारे जीवन मे सुख और सन्तान ठीक नहीं हो सकती पितरों के दुखी होने पर पितृ दोष के कारण जीवन मे सफलता नहीं मिलती। मृत्यु के साथ स्थूल शरीर मरता है। सूक्ष्म और कारण शरीर दंीप। प्रेत सूक्ष्म शरीर है, कारण शरीर के चित्त के साथ गए। संस्कार जन्म का कारण है। इसीलिये यह कारण शरीर कहलाता हैं। यह कभी नहीं नष्ट होता। इस कारण शरीर मे हमारे सम्बन्धी पितर कहलाते हैं। पुनर्जन्म की अनेक घटनाये इस सत्य को प्रमाणित भी करती रही हैं। पृथ्वी घूमती हैं, पितृ पक्ष मे चण्द्रमा नजदीक हो जाते है, यही पितृ लोक हैं, जिससे धरती से सम्पर्क स्थापित हो जाता हैं और हम पितृ पक्ष मे पितृ पूजा करते हैं। यह वैज्ञानिक सत्य है। भारतीय संस्कृति मान्यता नहीं सत्यता और विज्ञान पर आधारित है। सभी पितृ पूजा कर अपने पूर्वजों को संतुष्ट करे। गायत्री शक्तिपीठ में पितृ शांति के लिए भागवत सप्ताह कथा भी आयोजित है। 15 से 21 सितंबर सायं 3 बजे से 6 बजे तक।

 

*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव

*जनपद* चित्रकूट