उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) चित्रकूट: राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख ने 1968 में पं. दीनदयाल उपाध्याय के निर्वाण के उपरांत दीनदयाल स्मारक समिति बनाकर उनके अधूरे कार्यो को पूर्ण करने के लिये दिल्ली में इसकी नींव रख दी थी। नानाजी ने 42 वर्ष में दीनदयाल स्मारक समिति से लेकर दीनदयाल शोध संस्थान की स्थापना तक के सफर में पं. दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानव दर्शन के विचारों को व्यावहारिक रूप से धरातल पर उतारने का काम सामूहिक पुरूषार्थ से करके दिखा दिया। जिसके चलते दीनदयाल शोध संस्थान चित्रकूट के कार्यकताओं द्वारा पं. दीनदयाल उपाध्याय की 106वींे जयंती पर एकात्म मानवदर्शन का संदेश पहुॅचाकर कई कार्यक्रम किये।
दीनदयाल परिसर, उद्यमिता विद्यापीठ चित्रकूट के दीनदयाल पार्क में भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें प्रातः काल से ही संस्थान के विविध प्रकल्प गुरुकुल संकुल, उद्यमिता विद्यापीठ, सुरेन्द्रपाल ग्रामोदय विद्यालय, रामदर्शन, आईटीआई एवं आरोग्यधाम के कार्यकर्ताओं द्वारा अलग-अलग एकत्रित होकर पं. दीनदयाल पार्क उद्यमिता परिसर में स्थापित लगभग 15 फिट ऊंची पं. दीनदयाल की प्रतिमा पर पुष्पार्चन किया गया एवं इस अवसर पर कार्यकर्ताओं द्वारा पं. दीनदयाल उपाध्याय के जीवन से जुड़े प्रेरणादायी प्रसंगों को दैनिक जीवन मे आत्मसात करने के लिए मंचन भी किया गया। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं मार्गदर्शक मदन दास देवी, महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ भरत मिश्र, संत सीता शरण दास महाराज एवं दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन व वरिष्ठ कार्यकर्ता पद्माकर मालवीय प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
कुलपति डॉ भरत मिश्र ने कहा कि पं. दीनदयाल का विचार दर्शन और जीवन हम सबके लिये प्रेरणादायी है। दीनदयाल के विचार दर्शन पर कार्य करने वाले प्रत्यक्ष युगदृष्ट्या कोई थे तो वे श्रद्धेय नानाजी देशमुख थे। पं. दीनदयाल के विचारों से संकलित नानाजी ने जो कार्य खडा किया है। वह हमारे सामने है, समर्पित भाव से समाज के इस प्रभावी आन्दोलन के रूप में अपने जीवन को नानाजी ने समर्पित किया है।
दीनदयाल शोध संस्थान के वरिष्ठ कार्यकर्ता पद्माकर मालवीय ने कहा कि पं. दीनदयाल का बहुत बड़ा संकल्प था जितने समय वे जिये उतने समय तक उन्होंने समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति के लिये काम किया। आज हम उस पूर्णता की ओर अग्रसर हैं, पहुंच रहे हैं।
वहीं जन शिक्षण संस्थान चित्रकूट के लगभग 30 प्रशिक्षण केन्द्रों में दीनदयाल जयंती पर कार्यक्रम हुए, इसके अलावा कृष्णा देवी वनवासी बालिका आवासीय विद्यालय मझगवां, कृषि विज्ञान केन्द्र तथा रामनाथ आश्रमशाला चित्रकूट में व्याख्यानमाला कार्यक्रम आयोजित किया गया। उद्यमिता विद्यापीठ परिसर में इस अवसर पर वरिष्ठ प्रचारक मदन दास द्वारा वृक्षारोपण किया गया।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय के इसी एकात्म मानववाद विचार और उनके लक्ष्य को सतत् आगे बढ़ाने हेतु उनकी स्मृति में दीनदयाल शोध संस्थान में 25 सितंबर दीनदयाल जी की जयंती से 11 अक्टूबर भारत रत्न नानाजी देशमुख के जन्मदिवस तक ‘‘ग्रामोदय पखवाड़ा‘‘ का कार्यक्रम मनाया जाएगा। जिसके अंतर्गत सभी प्रकल्पों के माध्यम से ग्राम आबादियों तक स्वच्छता, नशामुक्ति, जल संरक्षण, पर्यावरण आदि विभिन्न विषयों पर जन जागरुकता के साथ प्रतियोगिताओं सहित स्वास्थ्य गोष्ठियां और कृषक गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा।
*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव
*जनपद* चित्रकूट
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