उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) चित्रकूट: नाबालिग छात्रा से दुराचार के मामले में दोषसिद्ध होने पर न्यायालय ने आरोपी ट्रक ड्राइवर को दस वर्ष कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही पच्चीस हजार रुपये का अर्थदंड भी दिया है।
विशेष लोक अभियोजक तेज प्रताप सिंह ने बताया कि कर्वी कोतवाली में एक व्यक्ति ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस को दी गई तहरीर में वादी ने कहा था कि उसकी पुत्री कक्षा 11 की छात्रा थी। बीती 30 जुलाई 2015 की शाम तीन बजे वह अपनी छोटी बहन के साथ दवा कराने पावर हाउस के पास गई थी। रास्ते में रामू पुत्र भगवानदीन ने उसकी पुत्री को बुला लिया था। जिसके बाद उसकी पुत्री अपनी छोटी बहन को घर में छोड़कर शाम पांच बजे रामू के साथ चली गई और वह घर में रखा जेवर और नगदी भी ले गई। आरोपी युवक ट्रक का ड्राइवर था और घटना के बाद से फरार हो गया था। पुलिस ने इस मामले में आरोपी ट्रक ड्राइवर रामू रैदास को गिरफ्तार करने के साथ छात्रा को बरामद किया था। इस मामले में पुलिस ने न्यायालय में रामू रैदास के विरुद्ध धारा 363, 376 व पाक्सो एक्ट के तहत आरोप पत्र दाखिल किया था।
बचाव और अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद शुक्रवार को पाक्सो एक्ट कोर्ट के विशेष न्यायाधीश संजय के लाल ने निर्णय सुनाया, जिसमें दोषसिद्ध होने पर आरोपी रामू रैदास को दस वर्ष कारावास के साथ पच्चीस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। न्यायालय के निर्णय के बाद आरोपी को सजा भुगतने के लिए जिला कारागार भेज दिया गया।
*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव
*जनपद* चित्रकूट
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